वित्त मंत्री द्वारा कुछ घोषणाएं, जैसे कि आयकर छूट की सीमा 7 लाख रुपये, राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने से विकास की रफ्तार तेज होगी जिसका फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा।
पीएम किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार तीन समान किस्तों में सालाना कुल 6,000 रुपये देती है। खेती की लागत बढ़ने से इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 36.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पहली तिमाही अप्रैल-जून में 18.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था।
विभिन्न इंडस्ट्री क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स को आगामी बजट से टैक्स सम्बंधित छूट और वित्तीय सहायता को लेकर काफी उम्मीदें है ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके और जीडीपी में उल्लेखनीय इजाफा हो सके।
टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन (Balwant Jain) ने इंडिया टीवी को बताया कि महंगाई को देखते हुए बजट में आम आदमी के लिए बचत बढ़ाने के उपाय पर जोर देने की जरूरत है।
कोरोना के बाद से मंदी की आशंका ने इस सेक्टर की ग्रोथ में ब्रेक लगाने का काम किया है। ऐसे में सरकार से ये उम्मीद की जा रही है कि इस सेक्टर में बूम लाने के लिए वह बजट में कुछ बड़े प्रावधान करेगी।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ईवी को हमेशा प्रमोट करते हुए नजर आते हैं। यही वजह है कि इस बार ईवी इंडस्ट्री को बजट से काफी उम्मीदें हैं। सरकार इस बार कई घोषणाएं कर सकती है।
बजट से पहले ही मोदी सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 1 फरवरी से कटौती कर दी है।
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।
सरकार ने GST की दरों में बदलाव करने के साथ रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को ITC से बाहर रखने का जो फैसला किया है वह इंडस्ट्री के हक में नहीं है
1 फरवरी 2018 को पेश होने वाले आम बजट से पहले स्टेनलेस स्टील इंडस्ट्री ने सरकार से फेरो-निकल और स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की है।
आयात शुल्क से सरकार को जो कमाई होगी उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल तिलहन विकास फंड के तौर पर इस्तेमाल करने की मांग
संगठन ने कहा है कि भारित कर कटौती प्रणाली को पिछले स्तर पर ही लाया जाना चाहिए।
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