BPCL: सरकारी कंपनी बीपीसीएल की ओर से बाजार से करीब 500 करोड़ रुपये ब्लॉक डील के जरिए जुटाने की योजना बनाई गई है। हालांकि, इस पर कंपनी द्वारा अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है।
ईंधन बाजार को नियंत्रित करने वाली तीनों कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में ‘स्वेच्छा से’ लगभग दो साल से कोई बदलाव नहीं किया है।
ओएनजीसी की अनुषंगी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) वित्त वर्ष 2024-25 में 12,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जो पिछले वित्त वर्ष के 12,000 करोड़ रुपये के आंकड़े से कुछ अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन का विवरण देते हुए इक्विटी समर्थन को आधा करने और रणनीतिक भंडार भरने को टालने के बारे में जानकारी दी।
BPCL, हिंदुस्तान जिंक के साथ कई कंपनियों के शेयर इस हफ्ते एक्स डिविडेंड होंगे। एक्स डिविडेंड वह तारीख होती है, जिस दिन कंपनी द्वारा घोषित डिविडेंड को कंपनी के शेयर प्राइस में से अलग कर दिया जाता है।
BPCL Dividend Announcement: सरकारी कंपनी बीपीसीएल द्वारा 21 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का ऐलान किया गया है। इसकी रिकॉर्ड डेट 12 दिसंबर निर्धारित की गई है।
ONGC की ओर से बीपीसीएल और एचपीसीएल के साथ 45 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद के लिए करार किया है। इसके तहत कच्चा तेल एक प्रतिशत प्रीमियम पर बेचा जाएगा।
सरकारी तेल कंपनी बीपीसीएल की ओर से 14,273 नए पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई गई है। इसके लिए कंपनी ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है।
तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल का बाजार मार्जिन काफी कमजोर हो गया है।
एचपीसीएल (HPCL), बीपीसीएल (BPCL) और इंडियन ऑयल (India Oil) ने अपने ग्राहकों के लिए व्हाट्सएप के जरिये गैस बुकिंग की सुविधा शुरू की है।
सरकार ने नवंबर, 2019 में अपनी परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना के तहत बीपीसीएल की बिक्री करने का प्रस्ताव रखा था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने से भारतीय ईंधन वितरक कंपनियां पेट्रोल और रसोई गैस में अपनी लागत की भरपाई करने की स्थिति में पहुंच गई हैं लेकिन डीजल की बिक्री पर उन्हें अब भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की इन तीनों पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री में 90 प्रतिशत नियंत्रण है।
ग्राहक न मिलने के चलते सरकार ने विनिवेश का प्लान ड्रॉप कर दिया है। इसी के साथ ही सरकार ने बिक्री का प्रस्ताव भी वापस ले लिया है।
बीपीसीएल को खरीदने के लिए तीन बोलीदाता ने अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, दो बोलीदाता ने वित्तीय असर्मथता बताते हुए अपनी बोली वापस ले ली।
BPCL में मौजूदा शेयर होल्डिंग पर विचार करें तो सरकार की करीब 52.98 फीसदी की हिस्सेदारी है।
बीपीसीएल के लिए तीन रुचि पत्र (ईओआई) मिले हैं। इनमें से एक पेशकश उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह की ओर से आई है। अभी कंपनी के लिए वित्तीय बोलियां नहीं मांगी गई हैं।
ईवी चार्जिंग की जरूरत को देखते हुए देशभर में 7000 एनर्जी स्टेशनों का एक नेटवर्क बनाया जाएगा।
2030 तक अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत कमी लाने के लिए भारत की तेल कंपनियां प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर मिशन मोड में 22000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करेंगी।
बीपीसीएल के पास पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके साथ ही पेट्रोनेट में IOC, ONGC की और आईजीएल में गेल की भी हिस्सेदारी है।
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