स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों की जांच के घेरे में एक शाही घराना भी आ चुका है।
आपको बता दें कि इनकम टैक्स विभाग ने देश में एक व्यक्ति के पास सोना रखने की सीमा निर्धारित की है। इस सीमा से अधिक सोने को कालाधन माना जाएगा।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के करीब एक दर्जन निष्क्रिय खातों के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आया है। ऐसे में यह आशंका बन रही है कि इन खातों में पड़े धन को स्विट्जरलैंड सरकार को स्थानांतरित किया जा सकता है।
इस प्रस्तावित योजना के तहत, बेहिसाबी संपत्ति धारकों को न्यूनतम टैक्स का भुगतान करने के जरिये अपनी संपत्ति का खुलासा करने का अवसर दिया जाएगा।
सरकार सोने के रूप में जमा अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए स्वर्ण माफी योजना पेश करने पर विचार नहीं कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
स्विट्जरलैंड के कर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सितंबर 2020 में भारत के साथ फिर वित्तीय खातों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
बर्न में 24 सितंबर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया। इस व्यक्ति की जानकारी 10 दिन के भीतर देने होगी।
नियामकीय अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में जो आंकड़े साझा किए गए, वे खाते कार्रवाई की डर से पहले ही बंद किए जा चुके हैं।
भारतीयों के स्विस बैंक खातों की जानकारी रविवार से भारत के कर-विभाग के पास होगी। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच बैंकिंग सूचनाओं के स्वतः आदान-प्रदान के समझौते के प्रभावी होने के साथ भारतीयों के स्विस बैंक खातों पर से रहस्य का पर्दा उठने की संभावना है।
देश के भीतर और बाहर बेहिसाब धन का आकलन करना कठिन है, हालांकि कुछ अध्ययनों के अनुमान के मुताबिक अवैध वित्तीय प्रवाह के रूप में बेहिसाब आय का 10 फीसदी देश के बाहर चला जाता है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कालेधन पर कोई विश्वसनीय आंकड़ा नहीं है और न ही इस तरह का अनुमान लगाने के लिए कोई सही तरीका है।
ये दिशानिर्देश सोमवार से लागू हो गए हैं। कर विभाग के नीति बनाने वाले निकाय ने प्रत्यक्ष कर कानून के तहत मामलों के निपटान-2019 को लेकर 32 पृष्ठों के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।
टैक्स चोरों, बेनामी संपत्ति और कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी हो चुकी है। आयकर विभाग द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश आज (17 जून, सोमवार) से लागू होना है, उसके तहत कालाधन और बेनामी संपत्ति के गंभीर अपराध को 'नॉन-कंपाउंडेबल' की श्रेणी में रख दिया गया है।
स्विट्जरलैंड ने उसके बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों के संबंध में सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अकेले पिछले सप्ताह ही करीब एक दर्जन भारतीयों को इस संबंध में नोटिस दिया गया है।
हाई कोर्ट ने 16 मई को अपने अंतरिम आदेश में आयकर विभाग को VVIP हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी गौतम खेतान के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई करने से रोक दिया था।
आईटीआई आवेदन में पूछे गए सवालों के जवाब में दी गई जानकारी में कहा गया है कि स्विट्जरलैंड ने कालाधन मामलों पर जो सूचना दी है, वह गोपनीयता प्रावधान के अंतर्गत आती है।
अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) और इसके चेयरमैन अजय पटेल द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को सम्मन जारी किया।
खेतान 3,600 करोड़ रुपए के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपियों में से एक हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से दायर आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने पुष्टि की है कि इस तरह की रिपोर्ट उसे मिली हैं और उसे समिति के समक्ष रखा गया है, जो इसकी जांच करेगी।
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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी रैलियों में काला धन वापस लाने और 15 लाख रुपये खाते में आने की बात कहते थे। मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम कालेधन पर ऐसी चोट करेंगे कि हर एक भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपए आएंगे।
'राजनीतिक दलों के पास पैसों को कोई कमी नहीं है, चुनाव के दौरान ज्यादातर इस्तेमाल होने वाला पैसा कालाधन होता है और इसपर किसी तरह की रोक नहीं लग पायी है'
केन्द्रीय सूचना आयोग (CIC) ने 16 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया था जिसमें पीएमओ से 15 दिनों के भीतर काले धन का ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा गया था।
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नोटबंदी के दो वर्ष पूरा होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की ओर से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने काले धन के एक मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की मंजूरी देने संबंधी आयकर (आईटी) विभाग का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया।
आयकर विभाग ने भारतीयों के विदेशों में जमा अवैध धन तथा संपत्ति से संबद्ध मामलों की जांच के लिये बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है। विभाग ऐसे मामलों में कड़ी आपराधिक कार्रवाई के लिये कालाधन निरोधक कानून का उपयोग कर सकता है।
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सिंधिया ने कहा, इस समय देश में एक ऐसी सरकार है, जिसने तानाशाही वाले तरीके से एक गैर लोकतांत्रिक फैसला कर नोटबंदी का ऐलान कर दिया, इसके चलते इस देश की अर्थव्यवस्था के इंजन से तेल ही निकाल लिया गया।
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