देश में जल हवाई हड्डे जल्द ही हकीकत रूप ले सकते हैं, जहां जमीन एवं पानी दोनों में उड़ान भरने में सक्षम विमान आवाजाही कर सकेंगे। नागर विमानन निदेशालय (DGCA) ने जल हवाई अड्डे स्थापित करने के लिए लाइसेंसिंग नियम जारी किए हैं।
महिंद्रा डिफेंस और जापान की शिनमेवा इंडस्ट्रीज के बीच यह करार पानी और जमीन पर लेंडिंग करने वाले US-2 नाम के जहाज के लिए किया गया है
Amputed leg of the patient used as pillow at Jhansi hospital, 4 suspended
यह विमान दुनिया का सबसे बड़ा एंफीबियस विमान है और इसकी खासियतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि चीन इससे अपनी सैन्य क्षमता को एक नए स्तर तक पहुंचाने में कामयाब होगा...
सरकार ने कहा है कि रूस और जापान की कंपनियों ने भारत को एंफीबियस विमान (जल-थल दोनों पर उतरने में सक्षम) की आपूर्ति करने की इच्छा जताई है।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, जीएसटी को लेकर दुविधा बने रहने के कारण इस धनतेरस आभूषण उद्योग की चमक पिछले साल के मुकाबले थोड़ी फीकी रह सकती है।
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