संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता में सुधार पर देरी किए जाने से भारत बेहद खफा हो गया है। दरअसल यूएन महासभा ने सुधार संबंधी चर्चा पर प्रस्ताव को सितंबर तक अगले सत्र के लिए टाल दिया है। वार्ता को आगे खिसकाए जाने को भारत ने जानबूझकर लटकाने वाला कदम बताया है।
दुनिया में कई नेता ऐसे हैं जो हमेशा अपनी कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं। अभी तक आप ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन जैसे नेताओं का ही नाम सुना होगा। मगर अब उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव को भी कुर्सी से खासा प्रेम हो गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच विधेयक को पेश किया।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अगर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की अनुपालन दर में बढ़ोतरी होती है और राजस्व बढ़ने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था एक निश्चित आकार में आती है तो कई और चीजों पर GST दर घटाने की क्षमता बढ़ेगी।
सरकार ने 16 महीने पुराने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। कानून में प्रस्तावित नए संशोधन में फ्लैट खरीदारों को बैंकों के समान ही ‘वित्तीय कर्जदाता’ माना गया है
दिवाला कानून के तहत ऋण शोधन प्रक्रिया में आई कंपनियों को झटका लगा है। वह ऐसी संपत्तियों को हासिल करने के लिये बोली प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से शराब बनाने और उसका कारोबार करने वालों के लिए अधिकतम मौत की सजा दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
राज्यसभा में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए वोटिंग के दौरान उस वक्त दिलचस्प स्थिति पैदा हो गई जब विपक्ष का संशोधन प्रस्ताव पारित हो गया। ऐसे हालात में सरकार की फजीहत इसलिए हुई क्योंकि सदन में सत्ता पक्ष के सभी सदस्य मौजूद नहीं थे। ऐसा पहली बार हुआ
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि टैक्स–फ्री ग्रैच्युटी की सीमा दोगुनी कर 20 लाख किए जाने का बिल संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
बिहार विधानमंडल के GST से संबंधित बिहार माल और सेवा कर विधेयक 2017 और बिहार काराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2017 को आज सर्वसम्मति से पारित किया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने GST लागू करने की दिशा में सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम में उपकर और अधिभार से जुड़े संशोधनों को मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार चेक बाउंस से जुड़े कानून में बदलाव करने वाली है। जानबूझ कर चेक बाउंस कराने वाले लोगों को अब एक-दो महीने के अंदर ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
सरकार 9 नवंबर से पहले छपे 500 और 1,000 के नोटों की वैधता को समाप्त करने के लिए संभवत: RBI कानून में संशोधन करेगी। आगामी बजट में इसका उल्लेख किया जाएगा।
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