आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर ने वर्ष 2022 में देश के सात प्रमुख शहरों में कुल 3,57,650 घरों की आपूर्ति की जिनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत घर ही किफायती श्रेणी में थे।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग सबसे अधिक हैं, जिसकी पूर्ति में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से सुनियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार की जाए।
प्रॉपटाइगर ने ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल-एनुअल राउंड-अप 2021’ शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि आठ प्रमुख आवास बाजारों में मकानों की बिक्री वर्ष 2021 में 13 प्रतिशत बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो इससे पिछले वर्ष में 1,82,639 इकाई थी।
प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी खबर है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) जैसी सरकारी तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50000 मकान बनाने के लिए कहा है।
सरकार की योजना है कि शहरों में जरूरतमंद प्रवासियों को एक हजार से तीन हजार रुपए के किराये पर उपलब्ध कराए जाए।
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने विश्वबैंक समूह के सदस्य अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) से 10 करोड़ डॉलर (लगभग 690 करोड़ रुपए) की राशि जुटायी है।
रिजर्व बैंक से 2008 तक वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जमीन के वित्त पोषण की मंजूरी थी। इसे किफायती आवास के लिए जितना जल्दी संभव हो सके, पुन: शुरू किया जाना चाहिए।
रिजर्व बैंक के अनुसार, महानगरों में अब 35 लाख रुपए तक के होम लोन को प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग की श्रेणी में रखा जाएगा और इस पर वह सारे लाभ मिलेंगे जो प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग श्रेणी के तहत दिए जाते हैं। आपको बता दें कि पहले इसकी सीमा 35 लाख रुपए थी। इस संदर्भ में RBI 30 जून को एक सर्कुलर जारी करेगा।
सरकार ने नहीं चल पा रहे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बंद कर उनकी चल एवं अचल संपत्तियों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण करने के लिए संशोधित दिशानिर्देशों को आज मंजूरी दे दी। नए नियमों के अनुसार ऐेसे उपक्रमों की जमीन का आगे इस्तेमाल करने में सस्ते मकानों की योजनाओं को पहली प्राथमिकता दी जाएगी।
देश की सबसे बड़ी मॉर्गेज कंपनी HDFC लिमिटेड ने कहा है कि वह उचित समय आने पर अपनी सब्सिडियरी कंपनियों को शेयर बाजार लिस्ट कराएंगे।
एसबीआई और अन्य प्राइवेट बैंकों की कटौती के बाद प्राइवेट सेक्टर के Axis बैंक ने होम लोन लेने वालों के लिए ब्याज दर में 0.30 फीसदी कटौती करने की घोषणा की।
RERA को 14 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने क्रियान्वित किया है। वहीं 14 अन्य राज्य इन नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में हैं।
प्रसिद्ध बैंकर दीपक पारेख का कहना है कि सरकार सस्ते आवास क्षेत्र को भारी टैक्स छूट दे रही है जिससे बिल्डरों का आकर्षण इस क्षेत्र के प्रति बढ़ा है।
Supertech चालू वित्त वर्ष के दौरान दिल्ली-एनसीआर में 1500 हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
नाबार्ड की योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत बनने वाले मकानों के लिए वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराने की है।
भारत में होम लोन पर ब्याज दर बहुत अधिक होने और कर्ज लेने की अनिच्छा की वजह से संभावित खरीदार अपना घर नहीं खरीद पाते हैं।
जहां सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, वहीं अब प्रॉपर्टी डेवलपर्स ने भी पूरा जोर अफोर्डेबल हाउस पर लगाने की योजना बनाई है।
शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने सस्ते मकानों को GST प्रणाली के तहत सेवा कर से छूट देने की बात की है, ताकि सस्ते मकानों की कीमतें नहीं बढ़ें।
भारतीय हरित इमारत परिषद (आईजीबीसी) के चेयरमैन प्रेम सी. जैन ने सस्ते आवासों के निर्माण में भी हरित इमारत नियमों को अपनाने पर जोर दिया है।
विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
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