Tuesday, March 19, 2024
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Internet Shutdown: अगले 48 घंटों के दौरान इंटरनेट सेवा हो सकती है प्रभावित, ICANN ने कहा मामूली असर होगा

इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। यूजर्स को अगले 48 घंटों के दौरान दुनियाभर में इंटरनेट सेवा प्रभावित हो सकती है, हालांकि ICANN का कहना है कि मामूली असर होगा

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 12, 2018 19:02 IST
Internet shutdown: Internet across the globe may face shutdown for next 48 hours | Pixabay- India TV Hindi
Internet shutdown: Internet across the globe may face shutdown for next 48 hours | Pixabay

नई दिल्ली: इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के लिए यह खबर कुछ निराश कर सकती है। अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट की सेवा प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनियाभर में अगले 48 घंटों के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी पर असर पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि मुख्य डोमेन सर्वर्स अगले कुछ घंटों तक रुटीन मेंटनेंस पर रहेंगे। Russia Today की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले कुछ घंटों तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों को नेटवर्क फेलियर होने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

Russia Today ने अपनी रिपोर्ट में इसका कारण बताते हुए कहा है कि मुख्य डोमेन सर्वर्स और इससे जुड़े नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर कुछ समय के लिए डाउन रहेंगे। इंटरनेट का बंद होना यूजर्स के नेटवर्क और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स पर भी काफी हद तक निर्भर करेगा। इंटरनेट कॉर्पोरेशन ऑफ असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स इस दौरान क्रिप्टोग्राफिक की बदलकर मेंटनेंस का काम करेंगी। इससे इंटरनेट की अड्रेस बुक या डोमेन नेम सिस्टम (DNS)को प्रोटेक्ट करने में मदद मिलेगी। ICANN ने कहा कि साइबर अटैक की बढ़ती घटनाओं से बचने के लिए मेंटनेंस का यह काम करना जरूरी हो गया है।

हालांकि इंटरनेट कार्पोरेशन ऑफ एसाइंड नेम्स एंड नंबर्स (ICANN), जो इस सेवा के लिए मैंटनेनस का काम करेगा, का कहना है कि इस इस  घटना का मामूली असर पड़ेगा। ICANN के मुताबिक डाटा विश्लेषण का कहना है कि 99 प्रतिशत यूजर्स इससे प्रभावित नहीं होंगे। 

एक बयान में कम्युनिकेशन्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (CRA) ने कहा कि ग्लोबल इंटरनेट शटडाउन, सुरक्षा, स्थिर और लचीले DNS के लिए बेहद जरूरी है। अथॉरिटी ने कहा, 'साफ कर दें कि, अगर उपभोक्ता के नेटवर्क ऑपरेटर्स या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं तो कुछ उपभोक्ताओं को दिक्कत हो सकती है। हालांकि, उचित सिस्टम सिक्यॉरिटी एक्सटेंशन्स को इनेबल कर इस प्रभावक को अनदेखा किया जा सकता है।' 

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