Thursday, April 18, 2024
Advertisement

World Boxing Championship: इतिहास रच गईं मैग्नीफिशंट मैरी, सोनिया को रजत से करना पड़ा संतोष

मैरीकॉम ने दसवीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में यूक्रेन की युवा हाना ओखोटा को 5-0 से पस्त कर छठा स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला जबकि सोनिया (57 किग्रा) को हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Published on: November 24, 2018 19:19 IST
इतिहास रच गईं मैग्नीफिशंट मैरी, सोनिया को रजत से करना पड़ा संतोष- India TV Hindi
Image Source : PTI इतिहास रच गईं मैग्नीफिशंट मैरी, सोनिया को रजत से करना पड़ा संतोष
नई दिल्ली। भारतीय सुपरस्टार एम सी मेरीकॉम (48 किग्रा) ने अपने अनुभव के बूते शनिवार को यहां केडी जाधव हाल में दसवीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में यूक्रेन की युवा हाना ओखोटा को 5-0 से पस्त कर छठा स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला जबकि सोनिया (57 किग्रा) को हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मेरी ने इस तरह क्यूबा के महान पुरूष मुक्केबाज फेलिक्स सेवोन की बराबरी कर ली जो विश्व चैम्पियनशिप में छह खिताब जीत चुके हैं। इससे पहले वह आयरलैंड की केटी टेलर के साथ बराबरी पर थी जो पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं। ‘मैग्नीफिशंट मैरी’ मुकाबले के पहले राउंड में मेरीकॉम ने दायें हाथ से सीधा तेज पंच लगाकर शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को जरा भी मौका नहीं दिया और बीच बीच में तेजी से मुक्के जड़ते हुए पांचों जज से पूरे अंक हासिल किये। 
 
दूसरे राउंड में कोच की सलाह के बाद हाना ने आक्रामक होने की पूरी कोशिश की, पर पांच बार की विश्व चैम्पियन के सामने उनकी एक नहीं चली। हालांकि इसमें यूक्रेन की मुक्केबाज ने दायें हाथ से लगाये गये शानदार मुक्कों से कुछ बेहतरीन अंक जुटाये लेकिन वह मेरीकॉम से आगे नहीं निकल सकीं। मेरीकॉम ने अपनी चिर परिचित शैली में खेलते हुए जानदार पंच से विपक्षी का हौसला पस्त करना जारी रखा। जो तीसरे राउंड में भी जारी रहा। इसमें भी भारतीय मुक्केबाज का जलवा कायम रहा, उन्होंने दबदबा जारी रखते हुए तेजी से कई पंच विपक्षी मुक्केबाज के मुंह पर जमा दिये। ऐसा दिख रहा था कि विपक्षी मुक्केबाज उनके सामने निरूत्तर थी। उसने कई बार जोरदार मुक्कों से वापसी का प्रयास किया, लेकिन अनुभवी मेरीकॉम के पास उनकी हर चाल का जवाब था।
 
मेरीकॉम ने खचाखच भरे स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया। यह उनका विश्व चैम्पियनशिप में सातवां पदक है, इससे पहले वह पांच स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी थी। मुकाबला जीतने के बाद मेरीकॉम काफी भावुक हो गयीं और खुशी की वजह से उनके आंसू थम नहीं रहे थे। उन्होंने इस पदक को देश को समर्पित किया। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मेरीकॉम को निश्चित रूप से अपार अनुभव का फायदा मिला। उन्होंने कोच की रणनीति के अनुसार खेलते हुए लाइट फ्लाईवेट फाइनल में अपने से 13 साल छोटी हाना को 5-0 से पराजित किया जो युवा यूरोपीय चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता है। 
 
मेरीकॉम ने हाल में सितंबर में पोलैंड में हुई सिलेसियान मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में यूक्रेन की इस मुक्केबाज को हराकर फाइनल में प्रवेश कर स्वर्ण पदक हासिल किया था। मणिपुर की इस मुक्केबाज ने अपने सटीक और ताकतवर मुक्कों की बदौलत पांचों जज से 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27 अंक हासिल किये। स्टेडियम में बैठा हर व्यक्ति इस दौरान पैंतीस वर्षीय मेरीकॉम का उत्साह बढ़ा रहा था। 
 
सोनिया को सिल्वर से करना पड़ा संतोष
भिवानी की 21 वर्षीय सोनिया को फेदरवेट फाइनल में जर्मनी की गैब्रियले ओर्नेला वाहनर से 1-4 से शिकस्त मिली। वह पाचों जज के फैसले में 28-29, 28-29, 29-28, 28-29, 28-29 से पिछड़ीं। सोनिया पहले ही कह चुकी थी कि विपक्षी मुक्केबाज ‘हार्ड हिटर’ है और वह इतनी तेज नहीं खेलतीं। मुकाबले के दौरान साफ दिखा कि जर्मनी की मुक्केबाज तीनों राउंड में हावी रही और सोनिया का दनादन मुक्कों से दमखम भी कम हो गया। हालांकि वह अपनी पहली विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने में सफल रही, यह शानदार उपलब्धि है। 
 
हालांकि सोनिया का मुकाबला मैरीकॉम से बिलकुल विपरीत रहा, जिसमें भारतीय मुक्केबाज दूसरे राउंड में ही पस्त हो गयी थी। पहले राउंड में जर्मनी की मुक्केबाज ने आक्रामक खेलना शुरू किया और मजबूत मुक्कों से मेजबान देश की मुक्केबाज को पछाड़ा जो रक्षात्मक खेलते हुए पंच लगाने का मौका ढूंढती दिखी और एक जोरदार पंच से गिर भी गयीं। दूसरे राउंड और तीसरे राउंड का हाल एक सा रहा जिसमें सोनिया के पास गैब्रिएल के मुक्कों का कोई जवाब नहीं था। हालांकि सोनिया ने वापसी की कोशिश के तहत अंत में कुछ लगातार मुक्के जमाये। 
 
सोनिया ने मुकाबले के बाद स्वीकार किया कि वह विपक्षी से कमतर थी। उन्होंने कहा, ‘‘वह हार्ड हिटर है और मजबूत मुक्केबाज है, मैं यह जानती थी। मुझे लगातार पंच लग रहे थे जिससे थोड़ा स्टैमिना कम हुआ और यहीं कमतर रह गयी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी पहली बड़ी चैम्पियनशिप, इसमें रजत पदक जीतना अच्छा है। अगली बार पूरी तरह तैयार होकर खेलूंगी और स्वर्ण पदक जीतूंगी। अब ध्यान 2020 ओलंपिक क्वालीफायर पर लगाऊंगी।’’ 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Other Sports News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement