Saturday, April 27, 2024
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विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने जीती 62वीं सीनियर नेशनल कुश्ती चैम्पियनशिप

 इस साल राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली विनेश ने अपने छठे राष्ट्रीय खिताब की राह में शानदार प्रदर्शन किया और पूरे टूर्नामेंट के दौरान सिर्फ दो अंक गंवाए।

IANS Reported by: IANS
Published on: December 02, 2018 11:40 IST
विनेश फोगाट- India TV Hindi
Image Source : TWITTER विनेश फोगाट

गोंडा (उप्र): देश की दो स्टार महिला पहलवानों-विनेश फोगाट (57 किग्रा) और साक्षी मलिक (62 किग्रा) ने शनिवार को 62वीं सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप में अपने-अपने भार वर्ग में चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया। इस साल राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली विनेश ने अपने छठे राष्ट्रीय खिताब की राह में शानदार प्रदर्शन किया और पूरे टूर्नामेंट के दौरान सिर्फ दो अंक गंवाए। कोहनी की चोट के कारण विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाने वाली विनेश इससे पहले 2012 से 2016 के बीच अलग-अलग भार वर्ग में लगातार पांच बार यह खिताब जीत चुकी हैं।

विनेश आमतौर पर 50 किग्रा भार वर्ग मे हिस्सा लेती हैं लेकिन राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में वह 57 किग्रा वर्ग में उतरीं और खुद को कड़ी मेहनत करते हुए इसके लिए तैयार किया। विनेश ने कहा, "मैं अगले सीजन से पहले कुछ प्रतिस्पर्धी मैच चाहती थी और इसी कारण मैंने 57 किग्रा वर्ग में किस्मत आजमाने का फैसला किया। पूरे टूर्नामेंट के दौरान मुझे दर्द नहीं हुआ और यह मेरे लिए काफी सकारात्मक बात रही क्योंकि मैं अपने से ऊंची कटेगरी में हिस्सा ले रही थी।"

विनेश ने पहले दौर में चंडीगढ़ की नीतू को 13-2 से हराया और फिर कर्नाटक की श्वेता को 8-0 से मात दी। क्वार्टर फाइनल में विनेश ने हरियाणा की मनीषा को हराया। सेमीफाइनल में विनेश का सामना हरियाणा बी की रविता से हुआ और विनेश ने यह मुकाबला डेढ़ मिनट से भी कम समय में जीत लिया। 

फाइनल में विनेश का सामना बबीता से हुआ और विनेश ने अपना वर्चस्व कायम करते हुए यह मुकाबला ढाई मिनट में 10-0 से अपने नाम किया।

रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी ने बिना कोई अंक गंवाए खिताब जीता। पांच में एक मुकाबले में साक्षी को पहले ही दौर में रेलवे की अपूर्वा से वॉकओवर मिला जबकि फाइनल में उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता चोट के कारण सिर्फ 25 सेकेंड मैट पर बिता सकीं।

दूसरे दौर में साक्षी ने उप्र की पूजा तोमर को हराया। इसके बाद साक्षी ने मणिपुर की ए. लुवांग खोम्भी को एक मिनट से भी कम समय में हराया। सेमीफाइनल में साक्षी ने हरियाणा की पूना को 11-0 से हराया और फिर फाइनल में अनीता के चोटिल होने के कारण विजेता बनकर उभरीं।

साक्षी ने फाइनल के बाद कहा, "यह मेरे लिए बड़ी सफलता नहीं है लेकिन मैं इसी स्वीकार करती हूं। मेरे लिए प्रतिस्पर्धा नहीं थी क्योंकि मेरे सामने अधिकांश जूनियर खिलाड़ी थीं लेकिन किसी भी तरह की प्रतियोगिता अच्छी होती है। अब मैं अगले सीजन पर अधिक ध्यान लगाऊंगी। मैं एशियाई चैम्पियनशिप में सफलता के साथ नए सीजन की शुरुआत चाहती हूं।"

इस साल अच्छा प्रदर्शन करने वाली रीतू मलिक 65 किग्राम वर्ग में फाइनल में नहीं पहुंच सकीं। सेमीफाइनल में उन्हे अनीता के हाथों हार मिली। महाराष्ट्र की रेशमा को हराते हुए रितू ने बाद में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

राष्ट्रीय चैम्पिनयनशिप में 50 किग्रा वर्ग का खिताब इंदु चौधरी ने जीता जबकि पिंकी ने 55 किग्रा और किरण बिशनोई ने 72 किग्रा का खिताब अपने नाम किया।

रेलवे ने 188 अंकों के साथ ओवरऑल चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया, हरियणा ने दूसरा, दिल्ली ने तीसरा और उप्र ने चौथा स्थान हासिल किया।

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