Friday, April 26, 2024
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जिस लड़की ने लगाया था बलात्कार का अरोप, इस स्टार भारतीय खिलाड़ी ने उसी से की शादी

उन्होंने कहा,‘‘हर कोई लड़की के बारे में सोच रहा था। वह युवा है। मैं भी युवा हूं। जब हमने डेटिंग शुरू की तब वह नाबालिग थी, मैं 22 साल का था।''

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Published on: August 06, 2018 18:05 IST
सौम्याजीत घोष- India TV Hindi
सौम्याजीत घोष

नयी दिल्ली: भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी सौम्यजीत घोष ने उस लड़की से शादी कर ली है जिसने चार महीने पहले उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था। विश्व रैंकिंग में करियर के सर्वश्रेष्ठ 58वें स्थान पर पहुंचने वाले घोष पर 18 साल की लड़की ने बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था जिसके बाद 25 साल के इस टेबल टेनिस खिलाड़ी को राष्ट्रमंडल खेलों में टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्हें आगामी एशियाई खेलों की टीम में भी जगह नहीं मिली है। 

घोष को उम्मीद है कि अदालत में चल रहे उनके मामले की सुनवाई जल्द पूरी होगी और वह इस खेल में वापसी करेंगे। घोष ने कहा कि उनका लक्ष्य अपने तीसरे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का है। लंदन और रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा,‘‘मेरा लक्ष्य तीसरे ओलंपिक में खेलना है लेकिन अभी सारा ध्यान कानूनी दांव पेच में है। मेरा वजन भी काफी बढ़ गया है। वापसी करना मुश्किल होगा लेकिन मुझे इसका तरीका ढूंढना होगा।’’

घोष ने कहा,‘‘कहते है ना भारत में खिलाड़ियों को कुछ पाने के लिए बहुत सारी परेशानियों से गुजरना होता है। ऐसी स्थिति से आप और मजबूत होते हैं लेकिन चार महीने पहले मेरे साथ जो हुआ उसने मुझे पूरी तरह झकझोर दिया। मुझे नहीं पता था कि इससे कैसे निपटना है।’’

 
उन्होंने कहा,‘‘हर कोई लड़की के बारे में सोच रहा था। वह युवा है। मैं भी युवा हूं। जब हमने डेटिंग शुरू की तब वह नाबालिग थी, मैं 22 साल का था। मैं अब भी युवा हूं। अब मैं पीछे नहीं देखना चाहता हूं, भविष्य पर ध्यान लगना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि अदालत में यह मामला जल्द सुलझ जाएगा और मैं अभ्यास शुरू कर पाऊंगा।’’ 

घोष के खिलाफ जब यह मामला दर्ज हुआ था तब वह जर्मनी में खेल रहे थे। भारत में गिरफ्तारी से बचने के लिए वह यूरोप के ‘‘तीन-चार अलग अलग देशों’’ में ही रूके रहे और मई में स्वदेश वापस आये। 

उन्होंने कहा,‘‘इस समय मुझे पता चला कि मेरा शुभचिंतक कौन है। मैं पूरी तरह टूट चुका था। मैं अपने करियर के शीर्ष पर था, जर्मनी में अच्छे क्लब के लिए खेल रहा था और कुछ ऐसा हो गया। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन मैं उस समय से आगे निकल चुका हूं। ऐसे दो लोगों और जाहिर हैं मेरे माता-पिता की मदद के बिना संभव नहीं होता।’’ 

मुश्किल वक्त में शरत कमल, जी सथियान, हरमीत देसाई और राष्ट्रीय टीम के दूसरे खिलाड़ी घोष के साथ खड़े दिखे। उन्होंने कहा,‘‘टीटीआईएफ, खिलाड़ी सब मेरे साथ खड़े थे। सब कुछ गलत हो रहा था लेकिन उनके समर्थन से मैं मजबूत रहा।’’ 

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