नई दिल्ली: पिछले छह महीने में चोटों से जूझती रही भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने कहा है कि उसने कैरियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय देखा है और उसे अगस्त में होने वाले ओलंपिक खेलों से पहले ज्यादा से ज्यादा मैच अभ्यास की जरूरत है। साइना ने कहा, शारीरिक तौर पर मुझे अच्छी तैयारी और अधिक मैच अभ्यास की जरूरत है, लेकिन मानसिक तैयारी भी उतनी ही अहम है। अभी उसके लिए काफी समय है। मई के बाद भी ओलंपिक डेढ महीने बाद है लिहाजा चिंता की कोई जरूरत नहीं है।
साइना अगस्त में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद चोटिल हो गई थी लेकिन उसने चाइना सुपर सीरिज प्रीमियर खेला जिससे उसकी चोट गंभीर हो गई। उसने हांगकांग ओपन नहीं खेला लेकिन दिसंबर में बीडब्ल्यूएफ विश्व सुपर सीरिज फाइनल खेला। उसने प्रीमियर बैडमिंटन लीग में भी दो मैच खेला लेकिन सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड, दक्षिण एशियाई खेल और एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप से बाहर रही। साइना ने कहा, यह काफी कठिन चोट थी। इसे ठीक होने में काफी समय लगता है। मैं स्रे कस फ्रेक्चर से बाल बाल बची हूं। विश्व चैम्पियनशिप के बाद मैं बिना किसी अभ्यास के टूर्नामेंट खेल रही थी। मैं अभ्यास नहीं कर पा रही थी। मुझे चीन और दुबई में खेलना था। मेरे पेट में भी तकलीफ थी यानी दो चोटें मुझे एक साथ परेशान कर रही थी।
साइना ने कहा कि चाइना सुपर सीरिज प्रीमियर के बाद तो वह चल भी नहीं पा रही थी। उसने कहा, जनवरी से मेरा फोकस अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने पर था। मैने लय खो दी थी लेकिन दो टूर्नामेंटों के बाद मैं बेहतर महसूस कर रही हूं। रोज सुबह मुझे दाहिना पैर जमीन पर रखने में डर लगता था लेकिन मुझे खुशी है कि अब दर्द नहीं है। उसने कहा, लेकिन मुझे फिटनेस पर काम करते रहना होगा क्योंकि मैने छोड़ दिया तो दर्द फिर लौट आएगा। कोच विमल कुमार ने कहा, साइना को फरवरी में पांच से छह बार इलेक्टि्रक शॉक थेरेपी से भी गुजरना पड़ा है। हर सप्ताह वह दस मिनट के लिये थेरेपी कराती थी जिससे उसको मदद मिली। नया ट्रेनिंग कोच आने से उसे दमखम हासिल करने में मदद मिली है।