Friday, April 19, 2024
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एशियाई खेलों की मशाल रिले में रही उलझन भरी स्थिति, खिलाड़ियों ने नहीं की कोई शिकायत

उलझन भरी स्थिति के बीच हॉकी खिलाड़ी पी आर श्रीजेश, सरदार सिंह, निशानेबाज जीतू रॉय और टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल सहित कई भारतीय खिलाड़ियों को मीडिया की बस में सवार होना पड़ा।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Updated on: August 07, 2018 16:10 IST
टॉर्च रैली का आयोजन...- India TV Hindi
टॉर्च रैली का आयोजन दिल्ली में हुआ

एशियाई खेलों की मशाल रिले का आयोजन लापरवाही से भरा रहा और उलझन भरी स्थिति के बीच हॉकी खिलाड़ी पी आर श्रीजेश, सरदार सिंह, निशानेबाज जीतू रॉय और टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल सहित कई भारतीय खिलाड़ियों को मीडिया की बस में सवार होना पड़ा। हालांकि खिलाड़ियों ने कोई शिकायत नहीं की और पूरी सहजता से पत्रकारों की एक बस में सवार हो गए। इसका कारण शायद बस से राष्ट्रीय स्टेडियम से इंडिया गेट आने-जाने की कम दूरी होना था। समारोह में शामिल हुए एक शीर्ष खिलाड़ी ने कहा, ‘‘स्थिति थोड़ी अव्यवस्थित थी लेकिन ठीक है। हमें शिकायत नहीं है।’’

एशियाई खेलों की शुरुआत 1951 में हुई थी और तब ये नई दिल्ली में ही आयोजित हुए थे। तब राष्ट्रीय स्टेडियम में पहली बार खेलों की मशाल प्रज्वलित की गयी थी। आज का समारोह महत्वपूर्ण था क्योंकि राष्ट्रीय स्टेडियम से मशाल प्रज्वलित होने के बाद 2018 के एशियाई खेलों का 18,000 किलोमीटर का सफर शुरू हो गया। एशियाई खेल इंडोनेशिया में 18 अगस्त से दो सितंबर के बीच आयोजित होंगे। इंडोनेशियाई एशियाई खेल आयोजन समिति के प्रमुख एरिक थोहिर ने कहा, ‘‘एशिया के खिलाड़ियों के दिलों में भारत की हमेशा एक खास जगह होगी क्योंकि भारत, खासकर नई दिल्ली में ही एशियाई खेलों ने जन्म लिया।’’

इंडोनेशिया की महान बैडमिंटन खिलाड़ी और 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली सुसी सुशांति ने भारत की पांच बार की विश्व विजेता महिला मुक्केबाज एम सी मेरीकॉम को मशाल सौंपी जिन्होंने थोड़ी देर मशाल थामे दौड़ने के बाद उसे दूसरे भारतीय खिलाड़ियों को सौंप दिया। श्रीजेश, सरदार, जीतू के अलावा कमल एवं एक अन्य टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा मशाल लेकर दौड़ने वाले खिलाड़ियों में शामिल थे। मशाल अब इंडोनेशिया जाएगी जहां उसे 18 जुलाई को मध्य जावा के प्राचीन हिंदू मंदिर, प्रमबनन में पवित्र अग्नि से मिलाया जाएगा।

इसके बाद मशाल देश के 18 प्रांतों के 54 शहरों से गुजरेगी और आखिर में उद्घाटन समारोह के लिए 18 अगस्त को जकार्ता पहुंचेगी। एशियाई खेल इंडोनेशिया के दो शहरों- राजधानी जकार्ता और पालेमबांग में आयोजित होंगे। ये पहली बार है जब खेलों का आयोजन दो शहरों में हो रहा है, इससे आयोजकों के सामने एक बड़ी चुनौती है। थोहिर ने कहा, ‘‘आपको पता होगा कि 2026 में फीफा विश्व कप तीन अलग अलग देशों (अमेरिका, मैक्सिको एवं कनाडा) में आयोजित किया जाएगा। ये (दो अलग अलग शहरों में एशियाई खेलों की मेजबानी करना) चुनौतीपूर्ण है लेकिन ये अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है और दोनों शहरों के बीच सफर में ज्यादा समय (45 मिनट) नहीं लगता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि भविष्य में मेजबान देश कई शहरों में आयोजन करेंगे। इससे मेजबान शहरों का विकास एवं रोजगार सृजन बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’ 

थोहिर ने साथ ही कहा कि खेलों के लिए रिकार्ड 16,920 खिलाड़ियों एवं अधिकारियों का पंजीकरण किया गया है। कुल मिलाकर 11,000 से अधिक खिलाड़ी 40 खेलों की 67 प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एशियाई खेल अब ओलंपिक से भी ज्यादा बड़े हो चुके हैं। जहां तक खेलों की संख्या की बात है, इसका फैसला ओसीए को करने की जरूरत है।’’ समारोह में भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा एवं महासचिव राजीव मेहता, एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) के आजीवन उपाध्यक्ष वेई गिझोंग एवं राजा रणधीर सिंह और खेल सचिव राहुल भटनागर भी मौजूद थे। खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ किसी अन्य महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता के कारण समारोह में शामिल नहीं हुए। पूर्व खेल मंत्री विजय गोयल भी नहीं आए जिन्हें राठौड़ की अनुपस्थिति में समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था। 

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