Saturday, April 20, 2024
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IPL 2018: पहले बैटिंग करने वाली टीम क्यों हार रही है? ये है वजह

IPL 2018 को शुरु हुए एक हफ़्ता हो चुका है और अब तक 13 मैच खेले जा चुके हैं. इस बीच कई ट्रेंड देखने को मिले हैं. इनमें से एक ट्रेंड है पहली बॉल से हमला बोलना.

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: April 17, 2018 15:26 IST
IPL 2018- India TV Hindi
IPL 2018

नयी दिल्ली: IPL 2018 को शुरु हुए एक हफ़्ता हो चुका है और अब तक 13 मैच खेले जा चुके हैं. इस बीच कई ट्रेंड देखने को मिले हैं. इनमें से एक ट्रेंड है पहली बॉल से हमला बोलना.

पहले ओवर का बदला ट्रेंड, टीमों ने बदली अपनी रणनीति

पिछले साल तक IPL की एक पारी में पहला ओवर सबसे किफ़ायती हुआ करता था लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. टीमों को एहसास हो गया है कि पहले ओवर से ही हमला बोलना ज़रुरी है. इस सीज़न में पहले ओवर में रन रेट करीब 8.70 रहा है जो पिछले सीज़न से कहीं ज़्यादा है. 2017 में पहले ओवर का औसत रन रेट  6.53 था. 15 अप्रेल तक खेले गए मैचों में पांच बार टीमों ने पहले ओवर में 14 से ज़्यादा रन बनाए हैं जबकि पिछले सीज़न में ऐसा सिर्फ दो बार हुआ था. 

सनराइज़र्स हैदराबाद को हुआ बड़ा फ़ायदा

सनराइज़र्स हैदराबाद ही एक टीम है जिसकी पहले ओवर में पिटाई नही हुई है. इस सीज़न में पहले पांच किफ़ायती ओवरों में से तीन ओवर हैदराबाद ने किए हैं और शायद यही वजह है कि उसने अभी तक अपने तीनों मैच जीते हैं. 

तो इस बात के चलते पॉवरप्ले बन रहा है ख़ास?

पहले 12 मैचों में पहले बैटिंग करने वाली टीमों ने पॉवरप्ले का पूरा फ़ायदा उठाने की कोशिश की है. इस सीज़न पहले 6 ओवर में औसत रन रेट 9.38 रहा है. 2017 में ये रन रेट 8.33 था. इस सीज़न में पॉवरप्ले में विकेट भी कम गिरे हैं. प्रति विकेट औसत रन अभी तक 36.51 रहा है जो लीग के इतिहास में अब तक सबसे ज़्यादा है. लक्ष्य का पीछा करते समय भी यही ट्रेंड दिख रहा है. दूसरी पारी में औसत पॉवरप्ले रन रेट 9.55 है. 12 में से 9 मैच टीमों ने लक्ष्य का पीछा करते हुए जीते हैं और मैच का नतीजा पॉवरप्ले में ही निकला है. 

पहले बैटिंग करने वाली टीम अक़सर हार रही हैं क्योंकि …

इस सीज़न में पहले बैटिंग करने वाली टीम अक़सर हार रही हैं क्योंकि बीच के ओवरों में वे लड़खड़ा जाती हैं. एक से ज़्यादा मौकों पर लगा है कि टीम बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रही है लेकिन तभी वो 15-20 अपेक्षित रन बनाने से चूक जाती है. पहले बैटिंग करने वाली टीम का मिडिल ओवर में औसत रन रेट 7.64 है और प्रति विकेट औसतन 22.32 रन बने हैं. सात और दस ओवर के बीच टीमों ने प्रति ओवर 7.13 रन बनाए हैं जबकि 11 और 15 ओवर के बीच प्रति ओवर 8.11 रन बने हैं. 7 और 10 ओवर के बीच कम रन रेट की वजह ये है कि इस दौरान छठे और नौवें ओवर के दौरान काफी विकेट गिरे हैं और इसका असर स्कोरिंग रेट पर पड़ा है.

मिडिल ओवर्स बदलते हैं खेल का रुख़

दो टीमों ने 200 से ज़्यादा का स्कोर किया है और ये इसलिए कि कोलकता के आंद्रे रसल और राजस्थान के संजू सैमसन ने अंतिम ओवरों में गेंदबाज़ों की धुनाई लगाई. राजस्थान ने बेंगलोर के ख़िलाफ़ मिडिल ओवर में 8.55 रन प्रति ओवर बनाए लेकिन विकेट सिर्फ दो ही खोए. इस वजह से अंतिम पांच ओवर में उन्होंने 88 रन बनाए जिसकी वजह से स्कोर 217 तक पहुंच गया. पहले बैटिंग करने वाली टीम अंतिम ओवरों में हमेशा ज़्यादा से ज़्यादा रन नहीं बटोरने की उम्मीद नहीं कर सकती इसलिए उन्हें मिडिल ओवर ख़ासकर 7 और 10 ओवरों के दौरान अच्छा खेलना होगा. पंजाब ने चेन्नई के ख़िलाफ़ एक पॉवरप्ले में ज़बरदस्त रन बटोरे थे. उसने 12.5 रन प्रति ओवर बनाए थे लेकिन तभी उसके चार विकेदकेंेंदट गिर गए और मिडिल ओवर में प्रति ओवर सिर्फ 8.77 रन बना पाई. चूंकि उसके पास फ़िनिशर नही था, वो अंतिम 5 ओवर में सिर्फ 43 रन बना सकी और 200 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई.

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