इंग्लैंड एंड वेल्स में खेले जाने वाले आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 की शुरुआत से ही इस एमहेंद्र सिंह धोनी का आखिरी विश्व कप माना जा रहा था। जिसमें ये कयास लगाए जा रहे थे कि विश्व कप खत्म होते ही महेंद्र सिंह धोनी संन्यास ले सकते हैं। मगर उन्होंने अभी तक अपने संन्यास के बारे में किसी भी तरह का ऐलान नहीं किया है. जबकि दूसरी तरफ धोनी के माता-पिता चाहते हैं कि उनका बीटा अब क्रिकेट को अलविदा कह दे।
गौरतलब है कि विश्व कप के दौरान धीमी बल्लेबाजी के कारण धोनी को काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। जबकि उनका प्रदर्शन भी मिला-जुला रहा। 9 मैचों में धोनी ने 273 रन बनाए। सेमीफाइनल मुकाबले में मैच को अंत तक लेजाकर अनहोनी से होनी करने वाले धोनी नाकाम हुए और अद्भुत रन आउट के चलते उन्हें मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा, लिहाजा भारत को हार कर घर वापस आना पड़ा।
इसी बीच धोनी की प्रतिभा को पहचानकर उनको फुटबॉल के गोलकीपर से क्रिकेट के विकेटकीपर की भूमिका में ढालने वाले कोच केशव बनर्जी ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान कहा, ”मैं रविवार को धोनी के घर गया था और इनके माता -पिता से बात हुई। उन्होंने कहा, धोनी को अब क्रिकेट खेलना छोड़ देना चाहिए। मैंने कहा- नहीं, उसे एक और साल खेलना चाहिए। अच्छा होगा अगर वह टी 20 विश्व कप के बाद क्रिकेट को अलविदा कहे। उन्होंने इस बात का विरोध किया और कहा, नहीं उसे अब इस बड़े घर की देख भाल करनी चाहिए। इस पर मैंने कहा, जब आपने इतने दिनों तक इस घर की देखभाल की है तो फिर एक साल और इंतजार कर लीजिए।”
धोनी के बचपन का कोच होने पर गर्व महसूस करने वाले केशव ने कहा, ”मुझे अच्छा लगता है कि मैंने एक ऐसे शिष्य को पैदा किया जो पूरे इंडिया में क्रिकेट में नाम रौशन किया। उसके वजह से पूरे रांची का और स्कूल का भी नाम रौशन हुआ कि इसी स्कूल से एक ऐसा खिलाड़ी निकला जिसने पूरी क्रिकेट पर राज किया।”
”मुझे भी अच्छा लगता है क्योंकि मैंने तो यो सोच कर नहीं किया था, मैंने तो बस अपनी ड्यूटी निभाई। लेकिन जितना डेडिकेशन मैंने दिया, उतना ही डेडिकेशन उसने भी दिया। दोनों का डेडीकेशन मिलकर एक बढ़िया खिलाड़ी निकला।”