पाकिस्तान क्रिकेट टीम से बूम-बूम खिलाड़ी शाहिद अफरीदी के संन्यास लेने के बाद अब भारतीय क्रिकेट में बूम-बूम बुमराह का नारा लगाया जाता है। दिन दुनी रात चौगुनी रफ़्तार से अपनी गेंदबाजी के द्वारा नाम कमाने वाले टीम इंडिया के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कहर बरपाती गेंदों से विश्व क्रिकेट के सभी बल्लेबाज थर-थर कांपते हैं। इसी बीच आईपीएल के सीजन 12 में बल्लबाजों के तोते उड़ाने के बाद बुमराह एब इंग्लैंड की तेज़ विकटों पर अपनी रफ़्तार से टीम इंडिया को विश्वकप 2019 दिलाने के लिए तैयार हैं।
बुमराह के अजीबो गरीब गेंदबाजी एक्शन के कारण दुनिया भर के बल्लेबाज उनकी धीमे और तेज गति की गेंद के बीच फर्क नहीं समझ पाते हैं। इतना ही नहीं स्कूटर चलाने जैसे एक्शन ( इशांत शर्मा के अनुसार ) के कारण बल्लेबाजो को उन्हें पढने में काफी कठिनाई होती है। ऐसे में देश के सबसे उच्चस्तरीय संस्थानों में से एक आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर संजय मित्तल ने बताया है कि किस तरह बुमराह बाकी गेंदबाजों से अलग हैं।
उन्होंने अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के लिए लिखा है कि बुमराह को 'रिवर्स मैग्नस फॉर्स' के चलते कामयाबी मिलती है। जिससे उनकी स्पीड, सीम पॉजीशन और 1000 राउंड/मिनट की रोटेशनल स्पीड गेंद को केवल 0.1 स्पिन रेश्यो देती है। इसके चलते रिवर्स मैग्नस इफेक्ट पैदा होता है। इस इफेक्ट से बुमराह की गेंद काफी तेजी से ऊपर से नीचे आती है और बल्लेबाज को चकमा देती है।
मित्तल ने लिखा, 'बुमराह गेंद को नीचे की तरफ जाने के लिए ताकत लगाते हैं जिससे वह तेजी से गिरती है। इसे पढ़ना बल्लेबाज के लिए मुश्किल काम होता है। रिवर्स मैग्नस से गेंद बैकस्पिन के साथ आगे बढ़ती है और तेजी से डिप करती है। यही चीज उनकी कामयाबी का राज है।'
बता दें कि जसप्रीत बुमराह ने अभी तक 49 वनडे में 85 विकेट निकाले हैं और 10 टेस्ट में 49 विकेट झटके हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में उन्होंने 51 विकेट चटकाए हैं। जबकि 77 आईपीएल मैचों में 82 विकेट लिए हैं। विकेट लेने के साथ ही बुमराह रन देने में भी काफी कंजूस हैं। टेस्ट, वनडे और अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में उनकी इकनॉमी क्रमश: 2.66, 4.51 और 6.72 की रही है।