इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से क्रिकेट का महासंग्राम विश्व कप शुरू होना है। चारों तरफ एक ही सवाल लोगो के जुबां पर छाया है कि आखिर इंग्लैंड ने पिछले विश्वकप 2015 के बाद कैसे अपने क्रिकेट को बदला जिससे अब वो सिर्फ विश्व कप की प्रबल दावेदार ही नहीं बल्कि आईसीसी की नंबर एक वनडे टीम भी है। इन सभी सवालों का जवाब अब इंग्लैंड के कप्तान इयोन मॉर्गन ने बेबाकी से दिया है। उन्होंने बीसीसी के पोडकास्ट में बताया की कैसे दूसरे देश से सीखकर आज इंग्लैंड क्रिकेट में बना नम्बर वन।
चार साल पहले 2015 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश जैसी टीम से हार कर बाहर होने वाली इंग्लैंड का दबदबा इन दिनों वर्ल्ड क्रिकेट में कायम है। इस तरह चार साल पहले टीम की स्थिति को याद करे हुए मोर्गन ने कहा, "हम अपने स्तर से काफी बुरा क्रिकेट खेल रहे थे। हमें एक बदलाव की जरूरत थी और टीम के सभी खिलाड़ियों को एक गोल की ओर अग्रसर होना था।"
इसके आगे मोर्गन ने कहा, "हम एक टीम के रूप में तो पिछले कई सालों से बेहतर करतें आ रहे थे लेकिन बड़े मैच में जब दबाव होता था तो हम बिखर जा रहे थे। जिसके चलते हम हार रहे थे। हमें जब शॉट्स लगाने थे तब हम विफल हो रहे थे। जो कि हार का प्रमुख कारण था।"
ऐसे में इंग्लैंड ने साल 2015 विश्व कप की मेजबान ब्रैंडन मैकुलम की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड की टीम से काफी कुछ सीखा। न्यूजीलैंड क्रिकेट के बेबाक और निर्भीक क्रिकेट खेलने के अंदाज से इंग्लैंड क्रिकेट काफी प्रभावित हुआ। जिसको लेकर मोर्गन ने कहा, "न्यूजीलैंड क्रिकेट की एक ख़ास बात यह थी की वो क्रिकेट का आनंद उठा रहे थे। उन्हें जीत हार की बिलकुल चिंता नहीं थी।"
न्यूजीलैंड क्रिकेट की इस एप्रोच को इंग्लैंड ने अपनाया जिसका नतीजा भी कीवी टीम के खिलाफ ही देखने को मिला। विश्वकप खत्म होने बाद इंग्लैंड ने भी निर्भीक क्रिकेट खेलते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ 408 रन ठोकें। जिसके जवाब में 210 रनों से बड़ी जीत हासिल की। यहाँ से शुरू हुआ इंग्लैंड के बदलने का सिलसिला, जो देश अब क्रिकेट का आनंद उठाते हुए मैदान में सभी देशों की टीम को धूल चटाने की ओर अग्रसर हो चला था। जिसके चलते पिछले चार सालों में इंग्लैंड ने 88 वनडे मैच खेले और 58 मैचों में जीत हासिल की।
जिस पर मोर्गन ने कहा, "पहले कुछ सालों में ड्रेसिंग रूम में कोई भी जीत या हार की बात नहीं कर रहा था। जिससे हमारा क्रिकेट के प्रति माइंडसेट बदला। न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के सभी खिलाड़ी क्रिकेट का आनंद ले रहे थे, जिससे उनके खिलाफ खलेने से हमें थोड़ी जलन भी हो रही थी। क्योंकि हम क्रिकेट का आनंद नहीं ले रहे थे। बस इसी चीज़ को हम बदलना चाहते थे।"
इसके बाद विश्व कप में पहली बार अपने घर में कप्तानी करने के कारण इयान मोर्गन ने कहा, " छोटे बच्चे की तरह मेरा सपना है कि विश्व कप के फ़ाइनल मैच में विजयी रन बनाऊ। मैंने कभी नहीं सोचा था की विश्व कप में अपने घर में इंग्लैंड के लिए कप्तानी करूंगा। हमारे पास जीतने का शानदार मौका है। लेकिन मुझे जरा सा भी दबाव नहीं महसूस हो रहा है।"
32 साल के हो चुके इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन विश्व कप 2019 में अपने निर्भीक क्रिकेट खेलें की परम्परा को भी जारी रखना चाहेंगे और 30 मई को खेले जाने वाले पहले मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ विजयी अभियान की शुरुआत करेंगे। जिसका फाइनल मुकाबला 14 जुलाई को खेला जाएगा।