Thursday, April 25, 2024
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वर्ल्ड कप 2019: टीम इंडिया की हार के पांच कारण, जिनके चलते टूटा सवा सौ करोड़ देशवासियों का सपना

पूरे टूर्नामेंट सबसे अच्छा क्रिकेट खेलने वाली भारतीय टीम कम स्कोर वाले मैच में हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। भारत की इस करीबी हार से 100 करोड़ भारतीयों के दिल टूट गए। हालांकि पीछे मुड़कर देखा जाए तो भारत की हार के कई कारण रहे।

Amit Kumar Written by: Amit Kumar @amitkemit
Updated on: July 10, 2019 20:45 IST
वर्ल्ड कप 2019: टीम इंडिया की हार के पांच कारण, जिनके चलते टूटा सवा सौ करोड़ लोगों का सपना- India TV Hindi
Image Source : AP वर्ल्ड कप 2019: टीम इंडिया की हार के पांच कारण, जिनके चलते टूटा सवा सौ करोड़ लोगों का सपना

रविंद्र जडेजा की विस्फोटक पारी के बावजूद भारत को विश्व कप सेमीफाइनल में बुधवार को यहां न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा जिससे उसका क्रिकेट महाकुंभ में सफर भी समाप्त हो गया। भारत के सामने 240 रन का लक्ष्य था लेकिन शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा जडेजा (59 गेंदों पर 74) और महेंद्र सिंह धोनी (72 गेंदों पर 50) ने सातवें विकेट के लिये 116 रन जोड़कर मैच को आखिर तक जीवंत बनाये रखा। भारत ने हालांकि दबाव में आखिरी चार विकेट 13 रन के अंदर गंवा दिये और इस तरह से न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा। भारत 49.3 ओवर में 221 रन पर सिमट गया। पूरे टूर्नामेंट सबसे अच्छा क्रिकेट खेलने वाली भारतीय टीम कम स्कोर वाले मैच में हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। भारत की इस करीबी हार से 100 करोड़ भारतीयों के दिल टूट गए। हालांकि पीछे मुड़कर देखा जाए तो भारत की हार के कई कारण रहे। 

1. पहली बार फेल हुआ टॉप ऑर्डर, नतीजा वर्ल्ड कप से बाहर

पूरे वर्ल्ड कप में भारतीय टॉप ऑर्डर शानदार फॉर्म में रहा। रोहित शर्मा और केएल राहुल की ओपनिंग जोड़ी बड़ी-बड़ी साझेदारियां कर रही थी। लेकिन इस मैच में एक के बाद एक चलता बना। रोहित जो इस टूर्नामेंट में पांच शतकों के चलते सबसे ज्यादा रन बना चुके हैं वे केवल एक ही रन बना पाए। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने शुरू में सीम और स्विंग का बेहतरीन इस्तेमाल करके भारतीयों को परेशानी में डाला। मैट हेनरी की आउटस्विंगर रोहित के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर टॉम लैथम के दस्तानों में समायी। जिसके बाद बोल्ट ने कोहली को LBW आउट किया और डीआरएस भी भारतीय कप्तान के पक्ष में नहीं गया। हेनरी ने अगले ओवर में कोण लेती गेंद पर राहुल को विकेट के पीछे कैच कराया। तीनों बल्लेबाज केवल एक-एक रन ही बना पाए। 

2. ऋषभ पंत खराब शॉट सिलेक्शन
अपने टॉप तीन बल्लेबाजों को मात्र 5 रनों के स्कोर पर खोने के बाद भारतीय टीम की सारी उम्मीदें युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत से थीं। लेकिन पंत ने एक बार फिर से सभी को निराश किया। हालांकि जल्दी विकेट खोने के बाद पंत पारी को संभाला और अच्छे अंदाज में बल्लेबाजी भी कर रहे थे लेकिन अनुभव की कमी के चलते एक खराब शॉट खेलकर आउट हो गए। पंत अपनी हिटिंग पॉवर का किसी प्रकार फायदा नहीं उठा पाये और बचकाना शॉट खेलकर पवेलियन लौटे। यहां तक कि कोहली भी उनके इस शाट पर बेहद नाराज दिखे जिस पर उन्होंने मिडविकेट पर खड़े कोलिन डि ग्रैंडहोम को कैच का अभ्यास कराया। सैंटनर की पहली चार गेंद चूकने के बाद पांचवीं गेंद को उन्होंने स्वीप किया था। इससे पहले भी पंत दबाव में ऐसे शॉट खेलते रहे हैं जो उनका विश्व कप की शुरुआती टीम से बाहर होने का प्रमुख कारण भी रहा। 

3. दबाव नहीं झेल पाए हार्दिक पांड्या
याद होगा इंग्लैंड में ही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम बेहद बड़ी हार की कगार पर थी लेकिन यहां हार्दिक पांड्या ने दबाव में शानदार पारी खेली थी। लेकिन इस बार वे ऐसा नहीं कर पाए। धोनी से ऊपर उतारे गये पंड्या ने भी पंत की गलती दोहरायी। वह भी खुद पर संयम नहीं रख पाये। सैंटनर की सीधी गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलना उन्हें महंगा पड़ा जो बल्ले का किनारा लेकर हवा में लहरा गयी और केन विलियमसन ने उसे कैच करने में गलती नहीं की। 

4. धोनी को पहले बल्लेबाजी के लिए न भेजना
जब भारतीय टीम विकेट खो रही थी तब ऐसे में जरूरत थी डिफेंस करने की। क्योंकि स्कोर बहुत ज्यादा नहीं था। सभी को पता है कि 350 वनडे खेल चुके एमएस धोनी के अलावा ये क्षमता और किसी में शायद ही बेहतर हो लेकिन यहां मैनेजमेंट ने एमएस धोनी की जगह हार्दिक पांड्या को भेजा जोकि अग्रेविस बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। पांड्या आए और औसत पारी खेलकर चलते बने। वहीं धोनी ने नंबर 7 पर उतरते हुए एक बेहतरीन पारी खेली। भारत को आखिरी दो ओवरों में 31 रन चाहिए थे। धोनी ने फर्गुसन की पहली गेंद छक्के के लिये भेजी, लेकिन तेजी से दो रन चुराने के प्रयास में मार्टिन गुप्टिल के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गये। विकेटों के बीच सबसे बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धोनी अपने करियर के शुरू में भी रन आउट हुए थे। इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी। 

5. साझेदारी का न बन पाना
भारतीय टीम साझेदारी बनाने के लिए जानी जाती है। चाहें वो ओपनिंग साझेदारी हो या विराट के साथ किसी और बल्लेबाज की। लेकिन इस मैच में ऐसा नहीं हो सका। टॉप तीन बल्लेबाज केवल एक-एक रन ही बना सके। भारत ने 92 रनों पर ही अपने छह विकेट खो दिए थे। यहां से रवींद्र जडेजा (77) और महेंद्र सिंह धोनी (50) ने सातवें विकेट के लिए 116 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत के करीब पहुंचाया। यह विश्व कप में सातवें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले पंत की अपरिपक्वता एक बार फिर दिखी। पंत ने हार्दिक पांड्या के साथ 47 रनों की साझेदारी कर ली थी। इन दो साझेदारियों के अलावा कोई भारतीय जोड़ी टिक नहीं पाई। 

(With PTI input)

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