Wednesday, April 24, 2024
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SC ने लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे को बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति का तीसरा सदस्य नियुक्त किया

उच्चतम न्यायालय ने लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे को बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति का तीसरा सदस्य नियुक्त किया है।

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Updated on: February 21, 2019 20:29 IST
Supreme Court appoints Lt Gen Ravi Thodge as third member of BCCI's CoA- India TV Hindi
Image Source : PTI Supreme Court appoints Lt Gen Ravi Thodge as third member of BCCI's CoA  

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डी के जैन को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड का प्रथम लोकपाल नियुक्त किया जो इस संपन्न क्रिकेट बोर्ड के नये संविधान के प्रावधानों के अनुरूप काम करेंगे और साथ ही उच्चतम न्यायालय ने लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे को बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति का तीसरा सदस्य नियुक्त किया है।

शीर्ष अदालत ने लोकपाल की नियुक्ति के मामले में तात्कालिकता और इसके महत्व से संबंधित मुद्दे पर विचार के दौरान अपनी खुशी जाहिर की कि उसके समक्ष सभी पक्ष न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) के नाम पर सहमत हुये हैं। 

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि पक्षकारों की सहमति और सुझावों के माध्यम से बीसीसीआई का लोकपाल बनाने के लिये न्यायमूर्ति डी के जैन के नाम पर सहमति हो गयी है। 

पीठ ने कहा, ‘‘तद्नुसार, हम इस न्यायालय द्वारा नौ अगस्त, 2018 के आदेश के अंतर्गत बनाये गये बीसीसीआई के संविधान के चैप्टर नौ के अनुच्छेद 40 के तहत न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) को बीसीसीआई का प्रथम लोकपाल नियुक्त करते हैं।’’ 

पीठ ने कहा कि न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा बीसीसीआई के लोकपाल के रूप में न्यायमूर्ति जैन की नियुक्ति के बारे में उनसे बात करेंगे और शीर्ष अदालत को सूचित करेंगे कि वह कब पदभार ग्रहण करेंगे। 

लोकपाल को मुंबई में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय में ही मामलों की सुनवाई करनी होगी। 

शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने न्यायालय को सौंपी अपनी दसवीं स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि बोर्ड में लोकपाल और एक आचार अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है। न्यायालय क्रिकेट बोर्ड के प्रशासनिक मुद्दों की निगरानी कर रहा है। 

रिपोर्ट में समिति ने यह स्पष्ट किया कि नये चुनावों से पहले ये दो नियुक्तियां करना क्यों आवश्यक है। 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई के नये पंजीकृत संविधान में विवादों के स्वतंत्र समाधान के लिये आम सभा की बैठक में लोकपाल नियुक्त करना जरूरी है।’’ 

पीठ को बताया गया कि लोकपाल शीर्ष अदालत का कोई सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होने चाहिए और उनका कार्यकाल एक साल का होगा लेकिन वह अधिकतम तीन बार इस पर पर रह सकते हैं। 

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लोकपाल पद पर नियुक्ति के लिये पीठ के समक्ष लिफाफे में शीर्ष अदालत के छह सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नाम पेश किये गये थे। इनमें न्यायमूर्ति जैन पहली पसंद थे। 

पीठ ने जब यह कहा कि सूची में न्यायमूर्ति जैन का अच्छा नाम है, विभिन्न पक्षों के लिये पेश वकीलों ने इस सुझाव को स्वीकार किया। 

इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे पी एस नरसिम्हा ने लोकपाल पद के लिये संभावित नामों की सूची पीठ को उपलबध करायी थी। 

पीठ को बताया गया कि लोकपाल की भूमिका राज्य क्रिकेट एसोसिएशनों में खिलाड़ियों से संबंधित विवादों और वित्तीय मसलों को सुलझाने की होगी। 

शीर्ष अदालत ने नौ अगस्त, 2018 को अपने फैसले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लिये लोकपाल नियुक्त करने की सिफारिश की थी। 

नरसिम्हा ने मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि यदि बोर्ड में पहले से लोकपाल होता तो हाल ही में दो खिलाड़ियों हार्दिक पाण्ड्या और के एल राहुल से जुड़ा विवाद प्राथमिकता के आधार पर सुलझा लिया गया होता। 

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