Friday, April 19, 2024
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गुस्साए गांगुली ने कहा, ‘खुशफहमी में जी रहे हैं रवि शास्त्री’

कोलकाता: भारत के दो पूर्व कप्तानों के बीच चल रहा विवाद आज तब नये मोड़ पर पहुंच गया जबकि सौरव गांगुली ने रवि शास्त्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि वह भारतीय कोच

India TV Sports Desk India TV Sports Desk
Updated on: June 29, 2016 21:31 IST
saurav ganguly- India TV Hindi
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कोलकाता: भारत के दो पूर्व कप्तानों के बीच चल रहा विवाद आज तब नये मोड़ पर पहुंच गया जबकि सौरव गांगुली ने रवि शास्त्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि वह भारतीय कोच का पद नहीं मिलने के लिये उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो मुंबई का क्रिकेटर खुशफहमी में जी रहा है। अनिल कुंबले के मुख्य कोच पद के लिये चुने जाने के बाद शास्त्री ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति  के एक सदस्य गांगुली तब उपस्थित नहीं थे जब उनका इंटरव्यू लिया गया जिसे वह अनादर मानते हैं।

इस मामले में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। गुस्साये गांगुली ने आज शास्त्री पर जवाबी हमला बोला। उन्होंने इस पूर्व भारतीय ऑलरांडर की बैकाक में छुट्टियां मनाते हुए इंटरव्यू देने पर इस पद को लेकर उनकी गंभीरता को लेकर सवाल उठाये। गुस्साये गांगुली ने कहा, ‘मेरा मानना है कि उनकी (शास्त्री) टिप्पणी बेहद व्यक्तिगत है। यदि रवि शास्त्री को लगता है कि उनके भारतीय कोच नहीं बन पाने के लिये सौरव गांगुली जिम्मेदार है तो फिर वह खुशफहमी में जी रहा है।’

भारत के सबसे सफल कप्तानों से एक गांगुली, शास्त्री के इस सुझाव पर भड़क गए जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली बार जब इंटरव्यू लिये जा रहे हों तो उन्हें उपस्थित होना चाहिए। गांगुली ने कहा, ‘इससे मुझे गुस्सा आया कि वह मुझे सलाह दे रहा है कि मुझे इस तरह की बैठकों में उपस्थित होना चाहिए। मैं पिछले कुछ समय से बीसीसीआई की बैठकों का हिस्सा रहा हूं और मैं हमेशा उनके लिये उपलब्ध रहा। रवि को मेरी सलाह है कि जब भारत के कोच और सबसे महत्वपूर्ण पद के लिये चयन हुआ तब उन्हें समिति के सामने होना चाहिए था ना कि बैंकॉक छुट्टियां मनाते हुए प्रस्तुति देनी चाहिए थी।’

रवि शास्त्री के रवैये पर गांगुली ने कहा कि इस पूर्व टीम निदेशक को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना चाहिए था विशेषकर तब जबकि भारत का सर्वकालिक महान क्रिकेटर दो घंटे तक अपनी बात रखता रहा। मैं निजी हमले से आहत हुआ। उन्होंने कहा, ‘मैंने एक दो समाचार पत्र पढ़े और इसे नजरअंदाज करना चाहा। मुझे बहुत दुख हुआ कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने विचार रखे। विशेषकर वह जो पिछले 20 साल से बीसीसीआई की प्रत्येक समिति में रहा। दस साल पहले वह कोच के चयन के लिये मेरी पोजीशन में थे। वह सब कुछ जानते थे। मैंने 19 जून को बीसीसीआई को सूचित किया और मुझे आधिकारिक मेल मिला। बीसीसीआई से मंजूरी मिलने के बाद मैं इन मेल की प्रतियां भी बांट दूंगा।’

गांगुली ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह गंभीर था या नहीं लेकिन मेरा मानना है कि यदि आप खेल का सबसे महत्वपूर्ण पद चाहते हो तो आपको गंभीर होना चाहिए। लेकिन यदि आप सम्मान की बात कर रहे हो तो आपको भी यहां होना चाहिए था। जब तीन सदस्यीय समिति हो और महत्वपूर्ण लोग फैसले लेने से जुड़े हों तो यह केवल सौरव गांगुली का फैसला नहीं होता है। इसलिए ये निजी टिप्पणियां काफी दुखद हैं।

कुंबले के भारतीय कोच के रूप में शुरूआत करने पर उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। जैसे मैंने कहा कि वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। वह भारतीय क्रिकेट का एक चैंपियन है और वह इस टीम को आगे ले जाएगा।’

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