Saturday, April 20, 2024
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राज्यसभा में पहली बार बैटिंग करने उतरे सचिन लेकिन खाता भी नहीं खोल पाए

तमाम आलोचनाओं के बाद आख़िरकार पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर आज संसद में पहली बार बहस में हिस्सा लेने उतरे लेकिन खाता खोले बिना ही वापस पवैलियन लौट गए.

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: December 21, 2017 15:50 IST
Sachin Tendulkar- India TV Hindi
Sachin Tendulkar

तमाम आलोचनाओं के बाद आख़िरकार पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर आज संसद में पहली बार बहस में हिस्सा लेने उतरे लेकिन खाता खोले बिना ही वापस पवैलियन लौट गए. दरअसल विपक्ष के हंगामे के कारण वह अपना भाषण शुरु ही नहीं कर पाए. टू-जी पर सीबीआई की विशेष अदालत के फ़ैसले पर विपक्ष के ज़ोरदार हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

2012 में सांसद मनोनीत होने के बाद सचिन की राज्यसभा में ये पहला भाषण था. सचिन अपने भाषण की शुरुआत करने ही वाले थे कि विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष लगातार मनमोहन सिंह के मुद्दे पर हंगामा कर रहा है. सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजलि के साथ संसद भवन में आए थे और उनकी पत्नी राज्यसभा की दर्शक दीर्घा में बैठी थीं. राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सदस्यों से गुज़ारिश की कि जो व्यक्ति बोल रहा है वह भारत रत्न है, इसे पूरा देश देख रहा है लेकिन हंगामा जारी रहा.

ग़ौरतलब है कि इससे पहले सचिन को राज्यसभा में उनकी गैर मौजूदगी पर भी सवाल उठते रहे हैं. पिछले कुछ सत्रों में सचिन और अभिनेत्री रेखा के अनुपस्थिति का मुद्दा उठता रहा है. पिछले सत्र में नरेश अग्रवाल ने कहा था कि जब सचिन और रेखा सदन में आते ही नहीं हैं, तो क्यों नहीं उनकी सदस्यता रद्द कर उन्हें सदन से निकाल दिया जाए. आपको बता दें कि सचिन और रेखा की उपस्थिति काफी कम रही है. नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर हम विजय माल्या को सदन से निकाल सकते हैं तो इन्हें क्यों नहीं.

सचिन तेंदुलकर और रेखा दोनों ही 2012 में सदन में मनोनीत हुए थे. जिसके बाद करीब 348 दिनों में सचिन सिर्फ 23 दिन और रेखा मात्र 18 दिन ही सदन में आईं. अब हाल ही में भी मानसून सत्र में भी दोनों उपस्थित नहीं रहे हैं. 

समाजवादी पार्टी नेता जया बच्चन ने सचिन के भाषण के दौरान कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जिसने देश का नाम कमाया, उसे ही बोलने नहीं दिया गया. क्या स्पोर्ट्सपर्सन और आर्टिस्ट को सदन में बोलने नहीं दिया जाएगा. मुझे ऐसा लगता है कि सचिन इसको लेकर अपसेट हैं, कांग्रेस को सचिन को सदन में बोलने देना चाहिए था.

बहस के दौरान सचिन देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर अपने विचार रखने थे. इसके अलावा सचिन इस बात पर भी अपनी आवाज़ उठा सकते हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी कम पैसा मिलता है. सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किए जाने की भी बात करनी थी.

सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा सांसद के तौर पर महाराष्ट्र के एक गांव को गोद लिया है. इस गांव को नाम है दोंजा. अभी हाल ही में वे इस गांव में पहुंचे भी थे. दोंजा में सचिन ने घोषणा की वे गांव के लिए 4 करोड़ रुपये देंगे. सचिन ने ये धनराशि सांसद निधि से देने की बात कही. आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत ये सचिन का दूसरा गांव था.

आपको बता दें कि इस समय राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य हैं जिनमें सचिन तेंदुलकर, रेखा, अनु आगा, संभाजी छत्रपति, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, के पारासरन, गोपी सुरेश, सुब्रमण्यन स्वामी और केटीएस तुलसी शामिल हैं.

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