Friday, April 19, 2024
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India vs England 1st Test: टीम इंडिया की हार का पोस्टमॉर्टम, इन 5 वजहों से भारत ने टेके घुटने

पूरे मैच के दौरान कई बार मैच भारत की पकड़ में आया लेकिन खिलाड़ी उसे जीत में तब्दील न कर सके। आइए जानते हैं टीम इंडिया की हार के वो 5 कारण

Amit Kumar Written by: Amit Kumar @amitkemit
Updated on: August 04, 2018 19:39 IST
विराट कोहली- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES विराट कोहली

बर्मिंघम। एजबेस्टन में खेले गए 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने भारतीय टीम को 31 रनों से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। भारतीय कप्तान विराट कोहली की शतकीय और अर्धशतकीय पारी भी टीम इंडिया के काम नहीं आई। कोहली दूसरे छोर से समर्थन न मिलने के कारण अपनी टीम को काफी प्रयासों के बाद भी जीत नहीं दिला पाए। इंग्लैंड ने चौथी पारी में भारत के सामने 194 रनों का लक्ष्य रखा था। भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के हालात और पिच से तेज गेंदबाजों को मिल रही मदद के सामने अपने पैर जमा नहीं पाए। पूरी टीम 54.2 ओवरों में 162 रनों पर ढेर होकर मैच हारने पर मजबूर हो गई। काफी उतार चढ़ाव भरे मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि पूरे मैच के दौरान कई बार मैच भारत की पकड़ में आया लेकिन खिलाड़ी उसे जीत में तब्दील न कर सके। आइए जानते हैं टीम इंडिया की हार के वो 5 कारण.

1. खराब बल्लेबाजी

भारतीय टीम की हार का सबसे बड़ा कारण रहा खराब बल्लेबाजी। विराट कोहली को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज फिफ्टी प्लस का स्कोर नहीं बना पाया। पहली पारी में पूरी टीम लड़खड़ाती नजर आई। अगर आप विराट कोहली की 149 रनों की पारी को एक तरफ कर दें तो पूरी टीम पहली पारी में केवल 125 रन ही बना पाई। कोहली की पारी की ही बदौलत टीम इंग्लैंड के पहली पारी (287) के जवाब में 274 रन बना पाई। लेकिन बाकी के बल्लेबाजी बुरी तरह फ्लॉप रहे। पहली पारी में इंग्लैंड को मात्र 13 रनों की बढ़त हासिल हुई। भारतीय बल्लेबाजी क्रम में ओपनर को पहली पारी में शुरुआत अच्छी मिली लेकिन वे ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए। धवन, विजय, राहुल, रहाणे सब फ्लॉप हुए। हालाकि कोहली ने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचा दिया। लेकिन दूसरी पारी में जब मैच भारत की पकड़ में था और जीत के लिए 194 रन बनाने थे तब फिर टीम का बैटिंग क्रम लड़खड़ाता नजर आया। यहां भी कोहली पारी को संभाले रहे और फिर से अर्धशतकीय पारी खेली। लेकिन कोई उनके साथ खड़ा होने वाला नहीं था। कोहली के जाने के बाद हार्दिक पांड्या से उम्मीद थी लेकिन वे भी कुछ नहीं कर पाए और फिर से खराब बल्लेबाजी टीम की हार का कारण बनी। 

2. बड़े नामों का फेल होना
ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम इंग्लैंड को कड़ी टक्कर देगी लेकिन फिर से वही बात कि अगर कोहली की पारी को छोड़ दें तो भारतीय टीम दूसरे ही दिन मैच से बाहर हो जाती। इसका सबसे बड़ा कारण बड़े नामों का फ्लॉप होना। शिखर धवन को कोहली ने एसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में फ्लॉप (दोनों पारियों में 0 पर आउट) होने के बावजूद प्लेइंग इलेवन में शामिल किया। लेकिन वे केवल (26, 13) 39 रन ही बना पाए। इसके अलावा भारत के टेस्ट स्पेशलिस्ट कहे जा रहे मुरली विजय भी फ्लॉप रहे। अजिंक्य रहाणे को विदेशी धरती पर टीम इंडिया का स्पेशलिस्ट बल्लेबाज कहा जाता है। इसका कारण ये भी है कि उनके 9 टेस्ट शतकों में से 6 शतक विदेशी धरती पर हैं। लेकिन रहाणे भी फ्लॉप रहे। रहाणे पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में केवल 2 रन ही बना पाए। रहाणे के अलावा केएल राहुल भी फ्लॉप रहे। राहुल ने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 13 रन बनाए। इसके अलावा हार्दिक पांड्या को बतौर ऑलराउंडर टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्होंने निराश किया। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि टीम इंडिया की हार का कारण बड़े नामों का फ्लॉप होना भी रहा।

3. बड़ी पार्टनरशिप न कर पाना
ओपनर से लेकर मध्यमक्रम तक का कोई भी बल्लेबाज बड़ी साझेदारी करने में नाकाम रहा। कोहली एक छोर से बल्लेबाजी करते रहे लेकिन कोई उनका साथ देने वाला नहीं था। हालांकि पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ कोहली ने बेहद शानदार साझेदारियां की लेकिन वे टीम के लिए ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई क्योंकि उनमें रनों का अनुपात कोहली का ज्यादा था। इसका नतीजा ये हुआ कि रन कम बने क्योंकि दूसरे छोर से रन बनाने वाले बल्लेबाज न होकर गेंदबाज थे। पहली पारी के अंत में कोहली और उमेश यादव के बीच आखिरी विकेट के लिए 57 रनों की साझेदारी हुई लेकिन इसमें कोहली ने 56 रन अकेले बनाए। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि टीम की हार का कारण बड़ी साझेदारी का न होना भी रहा।

4. चेतेश्वर पुजारा को न खिलाना
विराट कोहली ने चेतेश्वर पुजारा की जगह केएल राहुल को खिलाया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पुजारा का इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्सन रहा है। वहीं राहुल बुरी तरह फ्लॉप रहे। टीम में सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज कहे जा रहे चेतेश्वर पुजारा की जगह केएल राहुल को मौका दिया गया। लेकिन पुजारा के खेलने से टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसा हम नहीं बल्कि आंकड़े कहते हैं। पुजारा जिन मैचों में खेले हैं उनमें भारत को 56.90 प्रतिशत मैचों में जीत मिली है। वहीं जिन मैचों में पुजारा नहीं खेले हैं उनमें भारत को केवल 26.09 प्रतिशत मैचों में ही जीत मिली है। कुल मिलाकर पुजारा ने अब तक 58 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें भारत को 33 मैचों में जीत और 12 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं 13 मैच ड्रॉ रहे हैं।

5. विराट कोहली पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता
ये सबसे बड़ा कारण रहा टीम की हार का। पूरी टीम एक तरह से कोहली पर निर्भर हो गई। कोहली ही पहली पारी में और दूसरे पारी में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इंग्लैंड की धरती पर पिछले दौरे में टेस्ट सीरीज में नाकाम रहे कोहली ने शानदार अंदाज में वापसी की और पहली पारी में 149 रन की आकर्षक पारी खेली। ऐसा लगा कि टीम कोहली के भरोसे है। नतीजा ये निकला कि एक तरफ से बल्लेबाज अपना विकेट खोते रहे और दूसरी तरफ से कोहली रन बनाते रहे। लेकिन नतीजा हार निकला। 

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