Wednesday, April 24, 2024
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क्रिकेट इतिहास में जब 'एल्युमिनियम' के बल्ले का इस ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज ने किया इस्तेमाल, तो बदल गये कई नियम

आज से चालीस साल पहले 15 दिसंबर, 1979 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का मैच खेला जा रहा था। जिसमें क्रिकेट जगत में बल्लों के लिए नियम बदल गए।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: June 10, 2019 21:42 IST
डेनिस लिली- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGE डेनिस लिली,  एल्युमिनियम के बल्ले के साथ 

आधुनिक क्रिकेट काफी बदल चुका है। 5 दिन तक खेले जाने वाला खेल अब तीन घंटे में ही खत्म हो जाता है। टेस्ट क्रिकेट के बाद इसके वनडे फॉर्मेट ने तो खेल को एक नया ही आयाम दे दिया। जबकि टी-20 फॉर्मेट क्रिकेट की दाल में तड़का समान है। जिसके लिए फैन्स के अंदर दीवानगी देखते ही बनती है। बहरहाल इन दिनों तो क्रिकेटिया फैन्स के अंदर इंग्लैंड एंड वेल्स में खेले जा रहे क्रिकेट विश्व का खुमार छाया हुआ है। जिसमें कई बदले हुए नियमों के साथ खेला जा रहा है। इन्ही नियमों से भरी क्रिकेट की किताब में आज से चालीस साल पहले का एक वाकया याद आता है जब एक बल्ले को लेकर क्रिकेट में नियमों की किताब में कई सटीक बदलाव किये गए थे।  

दरअसल आज से चालीस साल पहले 15 दिसंबर, 1979 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का मैच खेला जा रहा था। तेज रफ़्तार के लिए जाने वाले पर्थ के वाका मैदान में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 219 रन पर आठ विकेट था। तभी बल्लेबाजी करने आए डेनिस लिली ने अपने बल्ले से जैसे ही आयन बॉथम की गेंद पर शॉट मारा एक दमदार आवाज पूरे स्टेडियम में गूँजने लगी। जिस पर सभी दर्शकों सहित विरोधी टीम के कप्तान ने भी बल्ला चेक करना चाहा। जिसके बाद ये वो विवादित बल्ला बना जिससे पूरे क्रिकेट जगत में बल्लों के लिए नियम बदल गए।

बता दें की डेनिस लिली ने जिस बल्ले से शॉट मारा था वो लकड़ी का नहीं बल्कि एल्युमिनियम से बना हुआ बल्ला था। जिसके कारण गेंद जैसे ही बल्ले पर लगी तो उसमे से निकली आवाज ने सभी को हैरान कर दिया। जिस पर इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रियरली ने ऐतराज़ जताया। उन्होंने कहा कि इस बल्ले से गेंद लगने से उसकी दशा बिगड़ रही है। जिसके चलते आप इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। बाद में अंपायर ने भी सी मामले को समझा और डेनिस लिली को इस बल्ले से खेलने से मना कर दिया। 

उसके बाद गुस्साए लिली ने अम्पायर से कहा कि क्रिकेट की रूल बुक (खेल के नियमों की किताब) में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि सिर्फ़ लकड़ी का बल्ला इस्तेमाल करना है और एल्युमिनियम के बल्ले का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लिली का गुस्सा यही नहीं रुका इतना कुछ कहते ही उन्होंने बीच मैदान में अपना बल्ला फेंक दिया। 

बता दें कि लिली को इस बात से गुस्सा इसलिए आया क्योंकि इस मैच से 12 दिन पहले वो वेस्टइंडीज के खिलाफ इस बल्ले से खेल चुके थे और उस समय किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई थी।  

इस तरह की बड़ी घटना के कुछ दिनों बाद ही क्रिकेट की रूल बुक में कई नए नियम जोड़ दिए गए। इन नियमों में एक था कि क्रिकेट के खेल में केवल लकड़ी के बल्ले का इस्तेमाल ही होगा। इससे पहले बल्ले को लेकर क्रिकेट की रूल बुक में किसी तरह का कोई नियम नहीं लिखा गया था। नियम बनने के बाद एल्युमिनियम के बल्लों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बंद हो गया वरना आधुनिक क्रिकेट में आज हम विभिन्न प्रकार की धातु से बने बल्ले देख रहे होते। 

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