अरजन नगवासवाला ने मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में उतरते ही इतिहास रच दिया। गुजरात की तरफ से गेंदबाजी करते हुए अरजन नगवासवाला ने शानदार गेंदबाजी तो की ही। इसके अलावा वो अब साल 1995 के बाद रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले पहले पार्सी क्रिकेटर बन गए हैं। जहीर खान के ऐक्शन से मिलते-जुलते स्टाइल में गेंदबाजी करने वाले 21 साल के अरजन नगवासवाला जुबिन बरूच के बाद रणजी ट्रॉफी खेलने वाले पहले पार्सी क्रिकेटर बन हैं। बरूच ने ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई (उस समय बॉम्बे) के लिए 1992 से लेकर 1995 तक खेला था।
लेकिन साल 1995 के बाद से कोई भी पार्सी क्रिकेटर रणजी में नहीं खेला। अब 23 साल के बाद अरजन नगवासवाला ने इस उपलब्धि को अपने नाम कर लिया है। अरजन नगवासवाला महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर के अंबरगांव के नरगाल गांव से हैं। इस गांव में काफी सारे पारसी रहते हैं। नगवासवाला के कई साथी अच्छे मौके के लिए महाराष्ट्र या मुंबई चले आए लेकिन नगवासवाला क्रिकेट के कारण वहीं रहे।
आपको बता दें कि पारसी समुदाय के सिर्फ 12 खिलाड़ी ही ऐसे रहे हैं जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इनमें से फारुख इंजीनियर आखिरी पुरुष खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने भारत के लिए 1961 से लेकर 1975 तक क्रिकेट खेला। वहीं, सीओए की मौजूदा सदस्य डायना एडुल्जी पारसी समुदाय की आखिरी क्रिकेटर रहीं जिन्होंने भारत के लिए खेला। एडुल्जी ने भारत के लिए 20 टेस्ट, 34 वनडे मैच खेले हैं। एडुल्जी ने साल 1976 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था और वो 1991 तक क्रिकेट खेलती रही थीं।