कोलकाता: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए चली आ रही मुख्य कोच की खोज गुरुवार को टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले पर आ कर खत्म हो गई। कोच बनने के बाद कुंबले ने कहा कि इस पद के लिए साक्षात्कार देना तनावपूर्ण अनुभव था।
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दिग्गज लेग स्पिनर का साक्षात्कार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने लिया था। इस समिति में कुंबले के पूर्व साथी सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली शामिल हैं।
बीसीसीआई डॉट टीवी के मुताबिक, कुंबले ने कहा, "सचिन टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिए मौजूद थे, लेकिन टेबल के दूसरी तरफ दादा (गांगुली) और लक्ष्मण थे। यह तनावपूर्ण था, लेकिन रणनीति प्रस्तुत करना अच्छा था।"
अपनी नियुक्ति पर पूर्व कप्तान ने कहा, "भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में कोच के तौर पर वापसी करना शानदार है। मैं इस चुनौती और बड़ी जिम्मेदारी के लिए पूरी तरह तैयार हूं। मैं जानता हूं काफी सारी उम्मीदें मुझसे जुड़ी हुई हैं, मैं इसके लिए तैयार हूं।"
कुंबले ने कहा कि वह पूर्व कोच जॉन राइट और गैरी कर्स्टन की तरह पर्दे के पीछे से काम करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "जॉन राइट के मार्गदर्शन में काफी खेला हूं। कोच के तौर पर मैं उनसे काफी प्रभावित हुआ हूं और उन्हीं की तरह मैं इस काम को लूंगा। जब मैं मुंबई इंडियंस का मेंटर बना था तो मैं जॉन को लेकर आया क्योंकि भारतीय संस्कृति को वह अच्छी तरह से समझते हैं और इसी तरह कोच काम करते हैं।"
कुंबले ने कहा, "गैरी कस्र्टन के साथ मैं सिर्फ टेस्ट में जुड़ा रहा, वह भी काफी कम समय के लिए। वह भी ऐसे कोच थे जो पर्दे के पीछे से काम करते थे और अपने आप को सामने आने नहीं देते थे। मैं इसी तरह काम करना चाहता हूं। सामने से नहीं, पीछे से।"
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