Sunday, May 05, 2024
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6000 रन और 300 विकेट का रिकॉर्ड बनाने वाले इस खिलाड़ी को आज तक नहीं मिली टीम इंडिया में एंट्री

पिछले 4 रणजी ट्रॉफी सीजन में लगातार चार बार बेस्ट ऑलराउंडर का पुरस्कार (लाला अमरनाथ अवॉर्ड) जीता।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: August 29, 2019 9:35 IST
Jalaj Saxena- India TV Hindi
Image Source : PTI Jalaj Saxena

सवा सौ करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश में करोड़ो युवा टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनने के सपने को संजोय क्रिकेट के मैदान में बल्ला और गेंद लेकर उतर पड़ते हैं। इनमे से सिर्फ कुछ का ही सपना पूरा होता है बल्कि कईयों का अधूरा रह जाता है। लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी भी है जो घरेलू क्रिकेट में रनों और विकटों का अंबार लगाने के बावजूद टीम इंडिया की जर्सी नहीं पहन पाते हैं। इसी कड़ी में आते है भारतीय घरेलू क्रिकेट के दमदार खिलाड़ी जलज सक्सेना जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में वो मुकाम हासिल किया जो वर्तमान टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी हासिल नहीं कर सका लेकिन जलज का टीम इंडिया की जर्सी पहनने का सपना अभी भी सपना ही बना हुआ है।

मध्य प्रदेश की तरफ से खेलने वाले 32 वर्षीय जलज सक्सेना ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। इंडिया रेड और इंडिया ब्लू के बीच हुए दिलीप ट्रॉफी मैच में जलज सक्सेना ने 3 विकेट हासिल किए जिसके साथ ही उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने 300 विकेट पूरे कर लिए। इसके साथ ही वो एकमात्र क्रिकेटर बन गए जिसने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 6000 रन बनाने के साथ-साथ 300 विकेट भी लिए हैं और इसके बावजूद भी टीम इंडिया के 15 खिलाड़ियों के बीच उनके लिए आज तक जगह नहीं बनी।

इतना ही नहीं जलज भारतीय घरेलू क्रिकेट की बैकबोन कही जाने वाली रणजी ट्रॉफी में भी कमाल के रिकॉर्ड बनाते आ रहे हैं। उन्होंने पिछले 4 रणजी ट्रॉफी सीजन में लगातार चार बार बेस्ट ऑलराउंडर का पुरस्कार (लाला अमरनाथ अवॉर्ड) जीता मगर टीम इंडिया के रास्ते खोलने के लिए ये अवार्ड भी उनके काम नहीं आया।

हालांकि देखा जाए तो सिर्फ जलज सक्सेना ही ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जिनके साथ ये नाइंसाफी हुई है। कई ऐसे दिग्गज प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते रह गए जिनको भरपूर सफलताओं व रिकॉर्ड्स के बावजूद टीम इंडिया से खेलने का मौका नहीं मिला, या मिला भी तो कुछ ही मैचों में छुट्टी कर दी गई। महाराष्ट्र के अमोल मजूमदार इसका सबसे बड़ा उदाहरण रहे जिन्होंने 171 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में रिकॉर्ड 11,167 रन बनाए, 30 शतक भी जड़े लेकिन फिर भी उन्हें एक बार भी टीम इंडिया में मौका नहीं दिया गया।

वहीं, मुंबई के वसीम जाफर ने तो 253 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में 19,147 रन बना डाले हैं जिसमें तिहरा शतक सहित 57 शतक शामिल हैं लेकिन उनको सिर्फ 31 टेस्ट मैचों में मौका मिला जिसमें उन्होंने 5 शतक और 11 अर्धशतक भी जड़े, हालांकि 2008 के बाद से वसीम जाफर की टेस्ट टीम में दोबारा वापसी संभव नहीं हो सकी और उनकी बल्लेबाजी का जलवा आज भी घरेलू क्रिकेट में बरकरार है। 

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