कौन हैं सज्जन कुमार? कांग्रेस नेता है, दिल्ली में कांग्रेस की राजनीति करने का 3 दशकों से ज्यादा अनुभव है। लेकिन, कहा जाता है कि पहले कभी ये एक चाय की दुकान चलाते थे। फिर 1970 के आस-पास संजय गांधी की नजर इनपर पड़ी, राजनीतिक सफर शुरू हुआ और फिर बाहरी दिल्ली के इलाके मादीपुर से म्युनिसिपल चुनाव लड़ा और जीत गए। सज्जन कुमार की राजनीतिक तौर पर ये पहली सफलता थी। सोशल एक्टिविस्ट गुरु राधा किशन ने सज्जन कुमार को 1977 में काउंसलर पद की शपथ दिलाई। 35 साल की उम्र में 1980 में लोकसभा चुनाव जीता। इस चुनाव में सज्जन कुमार ने चौधरी ब्रह्म प्रकाश को हराया था। चौधरी ब्रह्म प्रकाश कोई ऐसे वैसे नेता नहीं थे वो दिल्ली के पहले चीफ मिनिस्टर थे। 1980 में प्रकाश को हराने के बाद कुमार ने 1991 में बीजेपी के साहब सिंह वर्मा को बाहरी दिल्ली लोकसभा से हराया। 14वीं लोकसभा में भी सज्जन कांग्रेस की ओर से बाहरी दिल्ली से सांसद चुने गए। 1984 सिंख दंगों में उनका नाम आया। इस मामले में उनपर तीन केस चले। हालांकि, एक मुकदमें में अब उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी की मौत के बाद 1 और 2 नवंबर को दिल्ली कैंट में हुई पांच सिखों की हत्या के दौरान सज्जन कुमार वहीं थे। जो लोग वहां मौजूद थे, उनका कहना था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को उकसाया था। सज्जन कुमार पर मर्डर, डकैती, आपराधिक साजिश के आरोप थे। जिनमें 2005 में उनपर केस दर्ज हुआ। CBI ने सज्जन के खिलाफ दो चार्जशीट फ़ाइल कीं थी। ये मामला ऐसा ही चलता रहा, फिर कांग्रेस ने 2009 में सज्जन कुमार को लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सजा भुगत रहे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सकों के दल द्वारा जांच के बाद सज्जन कुमार के स्वास्थ्य पर चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की अपील पर सुनवाई से खुद को सोमवार को अलग कर लिया।
दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को 28 जनवरी को पेश करने के लिए मंगलवार को वारंट जारी किया।
टाइटलर को बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के औपचारिक कार्यक्रम में देखा गया।
उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में खुद को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सीबीआई को सोमवार को नोटिस जारी किया।
1984 के सिख विरोधी दंगे में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले सज्जन कुमार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट 14 जनवरी को सुनवाई करेगा।
1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराए गए सज्जन कुमार कड़कड़डूमा अदालत में सरेंडर करने पहुंचा है।
पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावास की सजा के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी।
1984 सिख विरोधी दंगा मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले सज्जन कुमार की अपील आज दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
1984 के सिख दंगों से जुड़े एक अन्य मामले पर फिलहाल दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में भी सज्जन कुमार अभियुक्त हैं।
गौरतलब है कि दंगा मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सज्जन ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया
राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र में सज्जन कुमार ने कहा कि उसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद वह तुरंत प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्याग पत्र दे रहा है
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को हत्या की साजिश रचने के मामले में दोषी करार देते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
कौन है सज्जन कुमार? कांग्रेस नेता है, दिल्ली में कांग्रेस की राजनीति करने का 3 दशकों से ज्यादा अनुभव है। लेकिन, कहा जाता है कि पहले कभी सज्जन कुमार एक चाय की दुकान चलाता था।
सिख विरोधी दंगों के 34 वर्ष बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि इसका षड्यंत्र उन लोगों ने रचा जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था।
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