प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में हुआ था। उन्होंने वीरभूम के सूरी विद्यासागर कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद कोलकाता यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए और एलएलबी की डिग्री ली। प्रणब मुखर्जी ने कुछ समय के लिए पत्रकारिता भी की। 1969 में अजय मुखर्जी की अध्यक्षता वाली बांग्ला कांग्रेस में शामिल हुए तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद प्रणब दा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जुलाई 1969 में प्रणब मुखर्जी पहली बार राज्य सभा में चुनकर आए थे उसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्य सभा के लिए चुने गए। वह 1980 से 1985 तक राज्य में सदन के नेता भी रहे। फरवरी 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने थे। 1996 से लेकर 2004 तक केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार रही। 2004 में यूपीए की सत्ता में वापसी हुई तब प्रणब मुखर्जी केंद्रीय मंत्री बने।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी पिता की डायरी का जिक्र किया और कहा कि नरेंद्र मोदी और मेरे पिता के रिश्ते अच्छे थे। निजी मुलाकात के दौरान मोदी जी मेरे पिता के पैर छूते थे।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब मनमोहन सिंह 5 साल के लिए वित्त मंत्री थे तो मैं उस वक्त पर्यटन मंत्री था और हमारी बहुत अच्छी बनती थी।
बेशक प्रणब मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के वफादार रहे हों लेकिन उनके देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बहुत अच्छे संबंध थे। प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में बताया था कि विदेश दौरे पर जाने से पहले पीएम मोदी उन्हें संबंधित देश से होने वाली चर्चा पर मुख्य बिंदुओं का विवरण देने वाला डिटेल नोट भेजते थे।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि वह बांग्लादेश के सच्चे मित्र और उपमहाद्वीप के एक महान राजनीतिक प्रतीक थे। मैं इस महान व्यक्तित्व को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। प्रणब दा का बांग्लादेश से गहरा लगाव था।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह की तुलना करते हुए प्रणब मुखर्जी ने एक अनुभवी राजनेता के तौर पर एक बड़ी बात लिखी है।
नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने नेहरू को सुझाव दिया था कि नेपाल को भारत का एक प्रांत बनाया जाए। लेकिन नेहरू ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि कांग्रेस का अपने करिश्माई नेतृत्व के खत्म होने की पहचान नहीं कर पाना 2014 के लोकसभा में उसकी हार के कारणों में से एक रहा होगा।
रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी। उनका कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार दोपहर दिल्ली के लोधी रोड विद्युत शव दाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। प्रणब के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उनका अंतिम संस्कार किया।
चीन ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह दिग्गज राजनेता थे। ड्रैगन ने दिवंगत नेता को याद करते हुए कहा कि उनका जाना भारत-चीन की मित्रता के लिए बड़ी क्षति है।
प्रणब मुखर्जी जिंदगी भर कांग्रेस के नेता रहे लेकिन एक बार जब राष्ट्रपति के पद पर बैठे तो किसी पार्टी के नहीं रहे। नए विचारों, नए सुझावों और नए प्रयोगों को प्रणब दा हमेशा प्रोत्साहित करते थे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पार्थिव शरीर उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर नौ बजे से अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति पद के लिए 'महामहिम' शब्द के प्रयोग का प्रचलन समाप्त कर भारतीय राजनीति में एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया था।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर उन्हें सियासत का शिखर पुरुष बताया। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी सर्वगुण संपन्न थे, इसलिए राजग ने भी उनके राष्ट्रपति बनने का समर्थन किया था।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने भी दिवंगत प्रणब मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि देते हुए इंडिया टीवी के साथ बातचीन में कहा कि 'वो मेरे भाई जैसे थे, मैं उनको राखी बांधती थी।'
पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से नवाजे गए प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने उनको श्रद्धांजलि दी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'भारत, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोकाकुल है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है।'
पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से नवाजे गए प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। उन्होनें 84 वर्ष की उम्र में आरआर आर्मी अस्पताल में अंतिम सांस ली। प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर 1935, पश्चिम बंगाल में हुआ। वह भारत के तेरहवें राष्ट्रपति बने। 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। वे 84 साल के थे।
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