मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मी प्रज्ञा ठाकुर के पिता एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। साध्वी के पिता संघ से जुड़े थे, जिस वजह से उनका झुकाव संघ की तरफ रहा। संघ से जुड़ाव की वजह से प्रज्ञा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़ीं और बाद में एबीवीपी को छोड़कर साध्वी बनने का फैसला लिया। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सुर्खियों में 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए धमाके के बाद सुर्खियों में आईं। दरअसल मालेगांव में एक बाइक में विस्फोट हुआ था, एटीएस की जांच में वो बाइक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की पाई गई। हालांकि साध्वी ने ये दावा किया कि उस बाइक को उन्होंने साल 2004 में ही बेच दिया था। 24 अक्तूबर 2008 को साध्वी प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया। उनपर मकोका लगाया गया लेकिन 15 अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका हटा दिया और 25 अप्रैल 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा से जमानत दे दी गई।
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