Startup Mahakumbh : स्टार्टअप महाकुंभ में डीपटेक, एआई और सास, फिनटेक, एग्रीटेक, बायोटेक, क्लाइमेट टेक, गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स पर घटनाओं की विविधता और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए 10 थीमैटिक पवेलियन हैं।
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए हर साल 10 अरब डॉलर या लगभग 80,000 करोड़ रुपये की फंडिंग पर्याप्त है। आज भारत में करीब 20 स्टार्टअप हैं, जो शेयर बाजार में लिस्टेड हैं।
Startup Mahakumbh 2024 : अगर आप स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं या अपने बिजनेस का विस्तार करना चाहते हैं, तो कई सरकारी योजनाओं की मदद ले सकते हैं। इन योजनाओं में लोन की सुविधा भी मिलती है।
Startup Mahakumbh 2024 : स्टार्टअप महाकुंभ में दो हजार से अधिक स्टार्टअप, एक हजार से अधिक निवेशक, 300 इनक्यूबेटर, तीन हजार सम्मेलन प्रतिनिधि, 20 से अधिक देश के प्रतिनिधि, सभी भारतीय राज्यों के भावी उद्यमी, 50 से अधिक यूनिकॉर्न और 50 हजार से अधिक व्यवसायी शामिल हो सकते हैं।
कंपनी पर वित्तीय कुप्रबंधन और आक्रामक मार्केटिंग के आरोप लगे जिसने कंपनी पर निगेटिव असर डाला। कंपनी के पतन में यह एक बड़ी वजह बनी। बायजू ने अधिकांश कर्मचारियों की पीएफ मनी जमा ही नहीं की है।
देश में ऐसे आठ हजार से अधिक स्टार्टअप हैं जिनकी संस्थापक महिलाएं हैं। अब तक इन स्टार्टअप की कुल फंडिंग लगभग 23 अरब डॉलर है।
सरकार दो हजार स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कम संख्या में सावधानी से चुने गए स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान करके सरकार दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए गुणवत्ता से अधिक मात्रा को प्राथमिकता दे सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बायजू को कर्मचारियों और वेंडरों का बकाया चुकाने के लिए कम से कम 500-600 करोड़ रुपये की जरूरत है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के समय बायजू ने तेजी से पंख फैलाए। उसे देश की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप का तमगा भी मिला लेकिन यह कायम नहीं रह सका।
इंडिया टेक की फंडिंग में हर तिमाही में गिरावट देखी जा रही है, 2023 की तीसरी तिमाही में फंडिंग में लगातार तीसरी गिरावट के साथ यह सबसे कम फंड वाली तिमाही बन गई है और पिछले 5 वर्षों में सबसे कम वित्त पोषित तिमाही भी।
करीब एक हजार लोग पहले ही ‘नोटिस पीरियड’ पर काम कर रहे हैं और अन्य एक हजार ने अपने प्रदर्शन सुधार मापदंडों को पूरा नहीं किया है। आकलन अब भी किया जा रहा है। इस पूरी कवायद से 3,000-3,500 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं।
भारत में अधिकांश निवेश केवल सीसीपीएस मार्ग के माध्यम से किया जाता है। सीबीडीटी ने इस साल मई में गैर-सूचीबद्ध और गैर-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाइयों में वित्तपोषण के मूल्यांकन पर नियमों का मसौदा जारी किया था। सीबीडीटी ने यह मसौदा आयकर लगाने के मकसद से जारी किए थे। इसे ‘एंजल कर’ कहा जाता है।
ग्रोवर ने यह मुद्दा उठाया था कि ‘पिछले एक महीने में कई स्टार्टअप को टैक्स नोटिस मिले हैं, जिसमें उनके शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।
अधिकारी ने कहा, अनुदान के लिए आवेदन करने को 10-15 दिन के भीतर एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा।
हम ऐसे 5 कारोबार बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप मात्र 1 लाख रुपये की पूंजी के निवेश के साथ खड़ा कर सकते हैं और जिसमें मुनाफे की भी अच्छी संभावनाएं हैं।
Franchise India Expo 2023: भारत में फ्रेंचाइज बिजनेस का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियां आने वाले समय में शानदार नतीजे दे सकती हैं। आइए फ्रेंचाइजी इंडिया एक्सपो 2023 के बारे में जानते हैं।
एमएसएमई मंत्रालय के पोर्टल पर रोजना करीब 30 हजार नए एंटरप्रेन्योर अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।
कंपनी ने अचानक अपने 90 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के इस बड़े कदम का कारण बना है एक चैटबॉट।
विलय एवं अधिग्रहण सौदों की संख्या बढ़ने के पीछे मध्यम आकार के सौदों में आई तेजी की अहम भूमिका रही है। अब तो एक नई रिपोर्ट सामने आ गई है।
रिपोर्ट कहती है कि एक साल पहले देश में कुल यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 84 थी लेकिन इस साल यह घटकर 83 रह गई।
Byju's Investors: लंबे समय से पेंडिंग पड़े ऑडिट रिपोर्ट को लेकर अभी भी कंपनी में हल्ला मचा हुआ है। हालांकि अब कंपनी के सीईओ ने निवेशकों को एक टाइमलाइन दे दी है।
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