एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा कि भारत की सेवा पीएमआई जनवरी में छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। नए व्यवसाय का विस्तार तेज गति से हुआ और भविष्य की गतिविधि के लिए प्रबंधकों की उम्मीदें मजबूत बनी हैं।
मांग में उछाल से बिक्री में तेजी आई जिससे व्यावसायिक गतिविधि में तेजी आई। रोजगार जेनरेशन लगातार 19वें महीने बढ़ा। एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स 57.4 से बढ़कर 58.5 हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘जनवरी-जून 2023 के दौरान भारत का विदेशी व्यापार (माल व सेवाओं का निर्यात तथा आयात) 800.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
सर्वे में शामिल 29 प्रतिशत भागीदारों ने कहा कि उन्हें इस दौरान अधिक नया कारोबार हासिल हुआ है।
दुनिया में मंदी, मुद्रास्फीतिक दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब दबावों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर में देश का निर्यात नौ प्रतिशत बढ़ा है।
‘परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स’ (पीएमआई) 50 से ऊपर गतिविधियों में तेजी को सूचित करता है जबकि 50 से नीचे गिरावट को बताता है।
PNB ने डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन लिमिट अपडेट, ई-स्टेटमेंट रजिस्टर, चेक पेमेंट को रोकना, अकाउंट फ्रीज करना, अपने कार्ड जो इनेबल या डिसेबल करना, चेक बुक रिक्वेस्ट, चेक स्टेटस आदि को फोन बैंकिंग से जोड़ा है।
नवंबर का आंकड़ा जुलाई 2011 के बाद से उत्पादन में दूसरी सबसे तेज वृद्धि की ओर इशारा करता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक और राहत पैकेज के बाद कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है। उनके मुताबिक अर्थव्यवस्था के कई सेग्मेंट में बढ़त का रुख देखने को मिल रहा है।
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) फरवरी के बाद पहली बार 50 अंक से अधिक है।
एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) के दौरान नागरिकों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध और कारोबारों के बंद रहने का असर सेवा क्षेत्र पर भी पड़ा और क्षेत्र की गतिविधियां लगभग रुकी रहीं।
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च में गिरावट देखी गयी। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस संकट के चलते मांग में आयी कमी की वजह से सेवा क्षेत्र में यह संकुचन देखा गया।
जनवरी के महीने में देश में सर्विस सेक्टर एक्टिविटी 7 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं
देश से सेवाओं का निर्यात अक्टूबर में 5.25 प्रतिशत बढ़कर 17.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान सेवाओं का आयात का आंकड़ा 10.86 अरब डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।
चुनौतीपूर्ण आर्थिक हालात के बीच देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में भी गिरावट दर्ज की गयी है।
किसी कंपनी के मुख्यालय द्वारा दूसरे राज्यों में स्थित उसकी शाखाओं को दी जाने वाली एकाउंटिंग, आईटी, मानव संसाधन जैसी सेवाओं के लिए दिए जाने वाले वेतन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
देश के सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2017-18 में करीब 23 प्रतिशत गिरकर 6.7 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में एफडीआई के जरिये निवेश 8.68 अरब डॉलर था। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) ने यह जानकारी दी।
नए ऑर्डर के बढ़ने से सेवाओं के कारोबार में इस वर्ष जून में पुन: तेजी लौट आयी और इस क्षेत्र में एक साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। निक्केई/आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जून में 52.6 के स्तर पर पहुंच गया जो जून 2017 के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है।
भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में तीन महीने में पहली बार मई माह में गिरावट आई। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नए कारोबारी ऑर्डरों के न बढ़ने और ईंधन की महंगाई से लागत का दबाव बढने से सेवा क्षेत्र में सुस्ती रही।
देश के सेवा क्षेत्र में अप्रैल महीने में सुधार जारी रहा। कारोबारी गतिविधियां बढ़ने और रोजगार सृजन के सात वर्ष से अधिक समय से उच्च स्तर पर बने रहने के चलते तेजी रही। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई।
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