केंद्र की पीएलआई स्कीम की हाल के दिनों में रघुराम राजन ने कड़ी आलोचना की है, राजन के मुताबिक ज्यादातर कंपनियां चीन से आयातित पार्ट को भारत में असेंबल कर रही हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दो दिन पहले एक साक्षात्कार में कहा था कि जीडीपी वृद्धि के आंकड़े इसके खतरनाक रूप से हिंदू वृद्धि दर के बेहद करीब पहुंच जाने के संकेत दे रहे हैं।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने साक्षात्कार के दौरान भारतीय बैंकों को खुदरा ऋण देने की दिशा में उनके बदलाव के प्रति आगाह भी किया, क्योंकि उन्होंने कहा था कि मंदी के मामले में संभावित जोखिम हो सकते हैं।
यह तर्क अपरिपक्व है कि भारत चीन की जगह ले लेगा। इसकी वजह यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था चीन की तुलना में अभी बहुत छोटी है।
भारत में मुद्रास्फीति बढ़ रही है। एक समय पर आरबीआई को दुनिया के अन्य देशों की तरह नीतिगत दर बढ़ानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इन सभी का ‘लक्षण’ कमजोर उपभोक्ता मांग है। विशेषरूप से व्यापक स्तर पर इस्तेमाल वाले उपभोक्ता सामान की मांग काफी कमजोर है।
राजन आगे तर्क देते हुए कहा कि अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि केवल इसलिए है मूर्ख लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं। इनकी कीमतों में एक दम उछाल आना भी ऐसे निवेशकों को आकर्षित करता है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि आईएमएफ ने 2021 में 9.5 प्रतिशत और इसके अगले साल 8.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एकबार फिर चेतावनी जारी की है। भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे महामारी के झटके से बाहर निकल रही है।
रिजर्व बैंक के द्वारा गठित एक आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) ने पिछले सप्ताह कई सुझाव दिये थे। इन सुझावों में यह सिफारिश भी शामिल है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में आवश्यक संशोधन करके बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंक शुरू करने का लाइसेंस दिया जा सकता है।
रघुराम राजन नेे कहा कि देश के निर्यातकों को अपने निर्यात को सस्ता रखने के लिए आयात करने की जरूरत होती है ताकि उस आयातित माल का इस्तेमाल निर्यात में किया जा सके।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि सरकार का ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान का परिणाम संरक्षणवाद के रूप में नहीं आना चाहिए।
रघुराम राजन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को अमेरिका और इटली से कही ज्यादा नुकसान हुआ है, जो इस बिमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं
डी सुब्बाराव ने कहा है कि मानसून अनुकूल रहने की संभावना के बीच सरकार को कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन का लाभ उठाकर वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
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राहुल गांधी के नौकरियों के संकट को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा कि आज वक्त की जरूरत है कि लोगों को सिर्फ सरकारी नौकरी पर निर्भर ना रखा जाए, उनके लिए नए अवसर पैदा किए जाएं।
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राजन ने कहा कि भारत को अब इस बारे में भी योजना तैयार करने की जरूरत है कि लॉकडाउन के बाद भी वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका तब क्या किया जाएगा।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि येस बैंक ने अपनी दिक्कतों के बारे में कई बार सूचित किया था और इन दिक्कतों को दूर करने की योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध था।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय 'सुस्ती' के चंगुल में फंसी है और इसमें बेचैनी और अस्वस्थता के गहरे संकेत दिखाई दे रहे हैं।
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