यह भारत सरकार की सेविंग स्कीम है। यानी आपको अपने पैसों की कोई चिंता नहीं करनी है, वह पूरी तरह सुरक्षित भी रहेंगे। स्कीम पर ब्याज दर भारत सरकार (वित्त मंत्रालय) ही समय-समय पर तय करती है। कम से कम 1000 रुपये निवेश कर सकते हैं और 100 के मल्टीपल में चाहे आप जितनी रकम हो, निवेश कर सकते हैं।
अगर आपके पास कुछ चेक के पेज हैं जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है, तो आपको उन्हें भी कलेक्ट करना चाहिए। नो ड्यूज सर्टिफिकेट और बिना इस्तेमाल किए चेक के पन्ने, आमतौर पर, लोन को बंद करने की प्रक्रिया के आखिरी स्टेप का प्रतीक है।
वैसे भारतीय जो 18-50 साल की आयु वर्ग के हैं और उनका बैंक में या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता है, इस योजना का लाभ ले सकते हैं। सालाना प्रीमियम के भुगतान के आधार पर 1 जून से 31 मई तक कवरेज वैलिड रहता है।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में आप चाहें तो हर महीने ब्याज की राशि अपने अकाउंट में हासिल कर सकते हैं। इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा तीन वयस्क मिलकर ज्वाइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं।
एसआईपी निवेश की खास बात यह है कि आप छोटी बचत राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं। यह बाजार की अस्थिरता और बाजार के समय के बारे में चिंता किए बिना अनुशासित तरीके से निवेश करने में मदद करता है।
जब पीपीएफ या ईएलएसएस दोनों ही निवेश विकल्पों में फायदे और नुकसान हैं, इसलिए आप वह विकल्प चुन सकते हैं जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुकूल हो। अपनी वित्तीय ज़रूरतों का मूल्यांकन करें और उसके अनुसार सोच-समझकर निर्णय लें।
आरडी का कार्यकाल 6 महीने से 10 साल तक हो सकता है। जबकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी के मामले में, ईएलएसएस के अलावा कोई लॉक-इन अवधि नहीं है
अगर आप आज से ही बचत की शुरुआत कर देती हैं तो कल आप अपनी जिम्मेदारियों और जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगी। जानकारों का मानना है कि सेविंग जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतना अच्छा।
आप इस स्कीम में 100 के मल्टीपल में चाहे जितनी रकम हो, निवेश कर सकते हैं। इसमें कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। इस स्कीम के तहत कितने भी अकाउंट खोले जा सकते हैं।
प्रीमियम के भुगतान में चूक करना लाइफ इंश्योरेंस क्लेम के रिजेक्ट होने की एक बड़ी वजह है। किसी आवेदक द्वारा दी गई मेडिकल जानकारी को वेरिफाई करने के लिए बीमा कंपनियां अक्सर मेडिकल टेस्ट करती हैं।
अप्रैल-दिसंबर, 2023 के दौरान कुल जमाओं में जो बढ़ोतरी हुई, उसमें सावधि जमाओं की हिस्सेदारी लगभग 97.6 प्रतिशत थी। आरबीआई ने आगे कहा कि ज्यादा ब्याज दर वाली कैटेगरी में धनराशि जमा की जा रही है।
अगर आप कार्यकाल से पहले एफडी राशि को निकालते हैं तो बैंकों द्वारा लगाए गए जुर्माने के चलते आपको अपना पैसों का नुकसान होना तय है।
एनपीएस को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित किया जाता है, म्यूचुअल फंड को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है।
नया कारोबार या नौकरी शुरू करने के दौरान हमें कुछ फाइनेंसियल बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि आपको बाद में किसी वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।
म्यूचुअल फंड लचीले भी होते हैं, जिससे प्रवेश और निकास बहुत आसान होता है। यहां तक कि 500 रुपये प्रति माह बचाने वाला व्यक्ति भी एकमुश्त या एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है।
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Instant Loan लेना जितना आसान होता है चुकाना उतना ही मुश्किल हो जाता है। आज हम इस आर्टिकल में उन बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं जो कि आपको ऑनलाइन या इंस्टेंट लोन लेते समय ध्यान रखने चाहिए।
हाल के वर्षों में, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे डिजिटल गोल्ड वाहनों के आगमन के साथ, सोना रखना आसान और कम महंगा हो गया है। इमरजेंसी जैसी स्थिति में आप सोने को बेचकर या उसके बदले लोन लेकर सोने का लाभ उठा सकते हैं।
पैसा बचाते समय सबसे जरूरी यह है कि बचत के लिए निर्धारित पैसे को न छूने की दृढ़ इच्छा शक्ति का इस्तेमाल करें। एक और अच्छी रणनीति यह है कि अपने परिवार के सदस्यों को अपनी बचत की आदत में शामिल करें।
Credit Score आज के समय में काफी जरूरी है। खराब क्रेडिट स्कोर होने पर आपका लोन आवेदन भी रद्द हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
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