मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगले हफ्ते में कम ट्रे़डिंग डे होने होने और डेरिवेटिव की मासिक समाप्ति के कारण, कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है, जबकि निफ्टी के उच्च स्तर पर मजबूत होने की संभावना है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगला सप्ताह आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि जापान, अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंक ब्याज दर संबंधी फैसलों की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ समय तक बाजार में उतार-चढ़ावा जारी रहने की उम्मीद है।
SmallCap और Midcap शेयरों में इस हफ्ते बड़ी गिरावट देखने को मिली है और इस कारण से निवेशकों को करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है। बीएसई सेंसेक्स में 906.07 अंक की गिरावट आई है जबकि निफ्टी भी 338.00 अंक टूट गया।
आंकड़ों के मुताबिक, मिड कैप म्यूचुअल फंड ने 2023 में लगभग 23,000 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि स्मॉल कैप योजनाओं के लिए यह आंकड़ा 41,000 करोड़ रुपये से अधिक था। बढ़ते निवेश पर बाजार नियामक सेबी ने पिछले दिनों चिंता जताई थी।
Mutual Fund: सेबी और एम्फी की ओर से स्मॉलकैप और मिडकैप फंड मैनेजर्स को रिस्क से जुड़े अतिरिक्त जानकारी निवेशकों को उपलब्ध कराने को कहा है।
Mutual Fund: स्मॉल कैप और मिड कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, थीम आधारित म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि निवेशकों के लिए सभी मार्केट-कैप सूचकांकों में अधिक चयनात्मक और बॉटम-अप होने का समय आ गया है, क्योंकि आसान और बंपर रिटर्न का दौर वित्तवर्ष 2025-26 में दोहराया नहीं जा सकता है।
Best Mid-Cap Funds: म्यूचुअल फंड में एसआईपी करना एक अच्छी निवेश आदत माना जाता है। इसके जरिए आप लंबे समय में वैल्थ क्रिएट कर सकते हैं।
देश के बेहतर आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 एक लाभप्रद वर्ष साबित हुआ है। इसके चलते स्मॅल कैप और मिड कैप यानी छोटे और मझोले कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजारों में लंबे समय से तेजी का दौर जारी है।
शेयर बाजार में एक बार फिर उतार-चढ़ाव का दौर शुरू हो गया है। लगातार तेजी के बाद बाजार में बड़ी गिरावट बुधवार को देखने को मिली। आज भी कमजोर शुरुआत के बाद बाजार संभला है। ऐसे में निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
Midcap Stocks: भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है। इसमें मिडकैप शेयर बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। कई मिडकैप स्टॉक्स ने बीते हफ्ते दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है।
Top Midcap Stocks: नवबंर सीरीज में मिडकैप स्टॉक्स में बंपर रिटर्न देखने को मिला है। कई शेयरों के दाम 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
डीमैट अकाउंट्स (Demat Account) में जोरदार बढ़ोतरी, जो अब 132 मिलियन (13.2 करोड़) तक पहुंच गई है, बाजार में तेजी में प्रमुख भूमिका निभा रही है, जबकि लार्ज कैप एफआईआई की बिकवाली के दबाव में हैं।
कई मार्केट एक्सपर्ट से इंडिया टीवी ने बाजार के आउटलुक को लेकर पोल किया और उनकी राय जानी। अधिकांश एक्सपर्ट ने कहा कि भारतीय बाजार में अभी बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है।
फिलहाल कोई तत्काल ट्रिगर नहीं हैं जो बाजार को तेजी से ऊपर या नीचे ले जा सके। निवेशक इस सप्ताह के अंत में अमेरिका से आने वाले नए डेटा का इंतज़ार कर सकते हैं। चूंकि डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ऊंची बनी हुई है, इसलिए एफआईआई बाजार में मजबूत खरीददार नहीं होंगा। उन्होंने कहा, इस महीने के पिछले पंद्रह कारोबारी दिनों म
मौजूदा पीई की पर्सेंटाइल रैंक से पता चलता है कि ऑटो, आईटी और टेक्नोलॉजी थोड़े ओवर-वैल्यूड हैं जबकि बैंक, एफएमसीजी और पूंजीगत वस्तुओं का वैल्यूएशन सही है।
लार्ज मिड कैप फंड एक तरह से इक्विटी फंड है, जहां अब यहां अधिकाधिक निवेश हो रहा है। ऐसे में अगर आप भी निवेश के मौके तलाश रहे हैं तो आप भी लार्ज मिड कैप फंड में निवेश करके अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
इस साल 20 जून को बीएसई स्मॉलकैप अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 अंक पर आ गया था। यह 18 जनवरी को अपने एक साल के शिखर 31,304.44 अंक पर था।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया(एंफी) के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में म्यूचुअल फंडों ने कुल 679 एनएफओ लॉन्च किए थे और इससे उन्होंने 1.24 लाख करोड़ रुपए जुटाये।
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