कंपनी का यह भी कहना है कि यह शुगर-फ्री दवा है और इसका स्वाद अच्छा है। निश्चित-खुराक वाली गोलियों के उलट, डॉक्टर हर रोगी को बेहतर ढंग से फिट करने के लिए खुराक को एडजस्ट कर सकते हैं।
तीन साल की अवधि में मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’ मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 101 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसमें से स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 44 अरब अमेरिकी डॉलर की थी। निर्यात 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का किया गया।
नए नियम के तहत दवा निर्माता कंपनियों को दवाओं पर H2/QR कोड लगाना ज़रूरी होगा। दवा का प्रॉपर और जेनरिक नाम, ब्रांड और निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, दवा की मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट की जानकारी भी देनी होगी।
Medicines Discount: गंभीर बीमारी से परेशान मरीजों के लिए राहत की खबर आई है। MedPlus 500 से अधिक दवाओं पर छूट देने जा रही है।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
New Rates Medicines: कोरोना महामारी के बाद से दवाईयों की कीमत तेजी से बढ़ी है। जरूरी बीमारी की दवाईयां भी काफी महंगी मिल रही है।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।
एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा कि सरकार एनएलईएम में सूचीबद्ध कुल 870 दवाओं में से अबतक 651 के अधिकतम मूल्य को तय कर पाई है।
जल्द ही जरूरी दवाओं के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जहां दिल की बीमारियों, डायबिटीज से जुड़ी दवाओं के दाम 10 % फीसद तक बढ़ सकते हैं।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने पिछले महीने ऑनलाइन फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि बिना लाइसेंस के ड्रग्स बेचने और वितरित करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
मांडविया ने कहा कि फार्मास्युटिकल्स विभाग (डीओपी) ने चार चयनित आवेदकों को 166 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन की पहली किस्त जारी की है।
वर्ष 1997 में स्थापित एनपीपीए औषधि उत्पादों की कीमतें निर्धारित एवं संशोधित करने के अलावा डीपीसीओ के प्रावधानों को लागू करने एवं नियंत्रित दवाओं की कीमतों पर नजर रखने का काम करता है।
केंद्र सरकार की ओर से 12 नवंबर को अधिसूचित इस संशोधित सूची के साथ, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को इन दवाओं का एक बड़ा स्टॉक रखना आवश्यक है।
उन दवाओं को अनुमति नहीं मिलेगी जिनके इलाज या इस्तेमाल की अवधि 5 दिन से ज्यादा हो। अगर इससे मरीज को आराम नहीं मिलता है तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मूल्य निर्धारण के तहत एसोसिएटेड बायोटेक, डेल्स लैबोरेटरीज की बनायी और विपणन की जाने वाली मेटफॉर्मिन के साथ टेनेलिग्लिप्टिन टैबलेट (मेटाफॉर्मिन + टेनेलिग्लिप्टिन) की कीमत 7.14 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है।
इस बार जो अहम बदलाव होने जा रहे हैं उसमें क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स से लेकर वाहन और दवाएं महंगी हो जाएंगी।
अब आपको साधारण बुखार से लेकर अन्य बीमारियों के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।
जधानी दिल्ली के एक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र ने अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए ‘एपीआई जेनेरिक फार्मेसी’ नाम से वेबसाइट शुरू की है।
ल्यूपिन लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में दवा का व्यावसायीकरण करना चाहती है, जिसमें टीबी से सबसे ज्यादा पीड़ित देश शामिल हैं।
यह संक्रमण म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने से आता है और यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़े को प्रभावित करता है तथा इससे जान भी जा सकती है।
लेटेस्ट न्यूज़