इंफोसिस (Infosys) और विप्रो (Wipro) जिसने पिछले तीन साल में कुल मिलाकर 2,08,000 इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को हायर किया था,ने कहा है कि वह इस साल कैम्पस में बिल्कुल भी जाने का कोई इरादा नहीं रखती हैं।
कोरोना महामारी के बाद बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए आईटी कंपनियों ने बड़ी संख्या में नई भर्तियां की थी। इससे आईटी सेक्टर में काम करने वालों की मांग तेजी से बढ़ी थी। हालांकि, वर्क फ्रॉम होम समाप्त होने से स्थिति बदली है। आईटी कंपनियों का काम नहीं मिल रहा है। इससे अब वह छंटनी समेत AI का इस्तेमाल भी शामिल है।
टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएलटेक के नतीजे अगले सप्ताह आएंगे। विश्लेषकों ने कहा, "निवेशकों ने मान लिया है कि वित्त वर्ष 2024 बर्बाद हो गया है और उन्होंने अपना ध्यान वित्त वर्ष 2025 पर केंद्रित कर दिया है, जिससे उन्हें रिबाउंड की उम्मीद है।
सीईओ ने कहा, कुछ देशों में संभावित भूमिका प्रभाव के बारे में अधिसूचना सहित इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लग सकता है।
बीते वित्त वर्ष में मॉरीशस, अमेरिका, नीदरलैंड, केमैन आइलैंड और जर्मनी से एफडीआई घटा है। राज्यों में महाराष्ट्र को पिछले वित्त वर्ष में 14.8 अरब डॉलर का एफडीआई मिला।
अमेरिका में भारी मात्रा में छंटनी होने के बावजूद भारत अब और नरमी का सामान नहीं करने वाला है। देश का आईटी क्षेत्र नरमी के बीच महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए तैयार है।
IT Sector: वैश्विक मंदी की आशंका गहराने और स्टार्टअप क्षेत्र में छंटनी की खबरों के बीच भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) उद्योग में कर्मचारियों के कंपनी बदलने की दर घटी है।
विश्लेषकों का मानना है कि विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और बड़े पैमाने पर प्रतिभा की कमी के चलते वेतन बढ़ाने की चुनौतियों से परिचालन मार्जिन पर असर पड़ रहा है।
नैसकॉम के अनुसार हाल की तिमाहियों में दुनियाभर की कंपनियों से डिजिटलीकरण की मांग बढ़ने से कई कंपनियों ने 20 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की सूचना दी है।
2020-21 के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) तीन गुना बढ़कर 26.14 अरब डॉलर हो गया।
इस योजना से कुल 1,60,000 करोड़ रुपए का उत्पादन होने की उम्मीद है। कुल उत्पादन में से, आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने 1,35,000 करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादन का प्रस्ताव दिया है।
लिस्टेड कंपनियों के मुताबिक उन्हें 15 अरब डॉलर से अधिक सौदे मिले हैं। वहीं आगे के आउटलुक को लेकर 100 में से 71 मुख्य कार्यकारियों का मानना है कि 2021 में आईटी पर खर्च बेहतर रहने वाला है।
अमेरिका ने एच 1बी वीजा सहित सभी विदेशी वर्क वीजा साल के अंत तक निलंबित किए
कंपनी की तिमाही में आय 5 प्रतिशत बढ़कर 39,946 करोड़ रुपये रही
दिशानिर्देशों के अनुसार आईटी और आईटी आधारित सेवा कंपनियों को लॉकडाउन में 50% तक कर्मचारियों के साथ कारोबार की अनुमति
नास्कॉम ने राहत के लिए दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा
बीता साल भारत में नौकरियों के लिए थोड़ा व्यवधान भरा रहा लेकिन वर्ष 2018 में नौकरियों का परिदृश्य बेहतर दिख रहा है। इस साल सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में दो लाख से अधिक नौकरियां मिलने की उम्मीद है।
भारत की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी टाटा कसंल्टेंसी सर्विस (TCS) और रिसर्च और रेटिंग मैनेजमेंट कंपनी नील्सन के बीच आईटी सेक्टर में आउटसोर्सिंग का अबतक की सबसे बड़ी डील हुई है।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने टेक महिंद्रा में एक कर्मचारी को नौकरी से त्यागपत्र देने के तरीके पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी।
देश में निकट भविष्य में मैन्युफैक्चरिंग, रियर एस्टेट, संगठित खुदरा, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य, परिवहन और लाजिस्टिक क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है।
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