आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने साल 2008 में आए वैश्विक वित्तीय संकट से बदतर मंदी को लेकर चेतावनी दी है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की कोटा संरचना को बढ़ाने में समर्थन की कमी को लेकर शनिवार को निराशा जाहिर की।
आईएमएफ के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों ने इस बहुपक्षीय वित्तीय संगठन के पास विदेशी-विनिमय संकट में फंसे देशों की मदद के लिए बनाए गए विशेष अस्थायी कोष का धन दोगुना करने पर सहमति जताई है।
आईएमएफ ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले की सराहना की है, साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा।
आईएमएफ के बाद अब विश्व बैंक ने रविवार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत का ग्रोथ रेट अनुमान घटा दिया है। विश्व बैंक के मुताबिक, भारत की विकास दर 6 फीसदी रह सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने बुधवार को क्रिस्टालिना जॉर्जीएवा को संस्था का नया प्रबंध निदेशक तथा कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया। क्रिस्टालिना ने क्रिस्टीन लागार्द का स्थान लिया है।
आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से 'काफी कमजोर' है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में Current account deficit 2018-19 में बढ़कर 68 अरब डॉलर हो गया है।
पाकिस्तान में नया बिक्री कर लगाये जाने के विरोध में सैकड़ों कारोबारी शनिवार को हड़ताल पर रहे।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2018 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 7.3 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।
अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) प्रमुख क्रिस्टिन लगार्डे का कहना है कि अमेरिका की मौजूदा संरक्षणवादी नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ना शुरू हो गया है।
वित्त मंत्री ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए IMF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने अमेरिकी न्यूच चैनल सीएनबीसी से साक्षात्कार में IMF को आगाह करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई गलती नहीं करें। उन्होंने यह भी कहा कि IMF जो करेगा उस पर हमारी निगाह है
वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की वृद्धि दर के लिए अपने पहले के पूर्वानुमान को हल्का कम करने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत की वृद्धि दर भविष्य में काफी मजबूत रहेगी।
भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन से उबर गयी है और इसकी वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 प्रतिशत तथा आगे और बढ़ कर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की रपट के अनुसार एशिया इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था का मुख्य इंजन बना हुआ है और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है।
IMF ने कहा कि भारत को अब शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधारों पर ध्यान देना चाहिए तथा बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली की दक्षता को सुधारना चाहिए
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि 2018 और 2019 में में चीन की वृद्धि दर क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि भारत में 7.4 और 7.8 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान है
पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर है। इस साल उसकी अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
नोटबंदी के नफा नुकसान पर चल रही चर्चाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक अहम बयान दिया है।
WGC के मुताबिक अमेरिका के पास आधिकारिक तौर पर 8,133.5 टन सोना दर्ज किया गया है जो अमेरिका के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का करीब 74.9 फीसदी है
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