नियामक ने रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को अपनी पूरी वित्तीय संपत्तियों समेत मौजूदा बीमा देनदारियां रिलांयस जनरल इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया है।
एक परिपत्र के माध्यम से प्रीमियम भुगतान के तरीके में बदलाव की अनुमति दी गई है। यह बीमा कंपनियों को नीतियों में थोड़ा-बहुत संशोधन करने की अनुमति देता है।
देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च के बावजूद जानकारी के अभाव में 85 फीसदी ग्रामीण आबादी स्वास्थ्य बीमा कवर से महरूम है। यह बात हालिया एक रिपोर्ट में कही गई है।
भारत के लोग अभी भी टैक्स बचाने और निवेश के लिए बीमा खरीदते हैं, हालांकि अब धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आ रही है वे मानने लगे हैं कि बीमा का मतलब सुरक्षा होता है।
अधिकतर लोग टैक्स बचाने की जद्दोजहद में विभिन्न निवेश एवं बीमा उत्पादों में निवेश करते हैं, लेकिन उनको बाजार में उपलब्ध विकल्पों की पूरी जानकारी नहीं होती।
इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा
डायबिटीज के रोगियों के लिए बीमा पॉलिसी लेना काफी मुश्किल है। सबसे पहले ICICI Prudential Life Insurance ने डायबिटीज केयर पॉलिसी लॉन्च की थी लेकिन अब यह उपलब्ध नहीं है। अभी बाजार में अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस की एनर्जी और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की डायबिटीज सेफ पॉलिसी डायबिटीज पीडि़तों के लिए उपलब्ध है।
Income Tax के नियमों में 1 अप्रैल यानी नए वित्त से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इनकी घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 के आम बजट में की थी। जानिए, नए नियमों से आपको कहां होगा फायदा और कहां होगा नुकसान।
आपको यह बात थोड़ी आश्चर्यजनक जरूर लगे लेकिन सच्चाई यही है कि आप सिर्फ बचत या निवेश के जरिए ही नहीं बल्कि खर्च करके भी अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं।
सरकारी स्वास्थ्य बीमाकर्ता कंपनी कर्मचारी प्रदेश बीमा निगम (ESIC) ने अपने कार्यक्रम ‘विजन 2022’ के तहत अनौपचारिक क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों कोअपने दायरे में लाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट में जो घोषणाएं की वे 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी। इनमें से कुछ आपको लाभ पहुंचाएंगे तो कुछ से आपकी जेब भी कटेगी।
इस योजना के तहत बजट में सिर्फ 2000 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। बजट पेश होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने शाम को जो प्रेस वार्ता रखी थी उसमें यह जानकारी दी गई है।
आम बजट में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देश के 10 करोड़ करीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा का एलान किया गया है।
सार्वजनिक कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस सरकार द्वारा वित्तपोषित बीमा कार्यक्रम के तहत राजस्थान में करीब चार करोड़ गरीब लोगों को स्वास्थ्य बीमा लाभ उपलब्ध कराएगी।
असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों को प्रॉविडेंट फंड की सुविधा देने के लिए प्रस्ताव तैयार हो रहा है, श्रम और रोजगार मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है
आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने जनकपुरी और गुड़गांव में अपनी शाखा का शुभारंभ कर दिल्ली-एनसीआर में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया है।
खास बीमारियों को लक्ष्य करते हुए बीमा कंपनियां नए-नए प्रोडक्ट ला रही हैं। डायबिटीज कवर अन्य किसी भी बीमारी विशेष के प्लान से ज्यादा महंगी होती हैं।
Irdai ने बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि वे 30 दिनों के भीतर क्लेम का निपटान करें नहीं तो बैंकों की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा ब्याज देना होगा।
1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है। कई सेवाएं हैं, जिनके लिए आपको नए साल में अधिक कीमत चुकानी होगी और जुर्माना भी देना पड़ेगा।
1 अप्रैल से कार, मोटरसाइकिल व हेल्थ इंश्योरेंस महंगे होने वाले हैं। IRDAI कीअनुमति के बाद बीमा प्रीमियम की राशि में 5% तक की बढ़ोतरी या कटौती हो सकती है।
रिलायंस कैपिटल अपने हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार को जनरल इंश्योरेंस यूनिट से अलग कर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी बनाएगी। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मंजूरी दे दी है।
EPFO और ESIC से खुद को जोड़ने के लिए जल्द ही कंपनियों को सिंगल फॉर्म भरने की सुविधा मिलेगी। सरकार जल्द ही कॉमन रजिस्ट्रेशन फॉर्म लाने पर विचार कर रही है।
नोटबंदी के मद्देनजर बीमा उद्योग ने आगामी आम बजट में अधिक कर छूट, ई-भुगतान पर ध्यान दिए जाने तथा अनिवार्य आवास बीमा जैसे कदमों की उम्मीद जताई है।
खास बीमारियों को लक्ष्य करते हुए बीमा कंपनियां नए-नए प्रोडक्ट ला रही हैं। डायबिटीज कवर अन्य किसी भी बीमारी विशेष के प्लान से ज्यादा महंगी होती हैं।
अगर आप बीमा कंपनियों के रवैये से परेशान हैं और सारे उपाय कर हार चुके हैं तो बीमा ओम्बुड्समैन में शिकायत कर अपनी समस्या का निपटारा कर सकते हैं।
कर्मचारियों के लाभ के लिए कंपनियां जरूरत के हिसाब से Health Insurance में सुविधाएं जुड़वाती हैं। लेकिन सिर्फ एंप्लॉयर के कवर के भरोसे नहीं रहना चाहिए
किसी भी Health Insurance पॉलिसी कवर को आप Top-Up के जरिए बढ़ा़ सकते हैं। एंप्लॉयर की Health Insurance पॉलिसी का कवर भी इसके जरिए बढ़ाया जा सकता है।
हेल्थ पॉलिसी लेते समय आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए, जिससे आप पर मेडिकल एक्सपेंस का बोझ न पड़े साथ ही जरूरत के वक्त क्लेम का पूरा पैसा मिल सके।
Basic Health insurance policy is not sufficient while diagnosing critical illness. Therefore one should have this to meet the ever growing medical expenses.
हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को मौजूदा समय में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। महंगे इलाज से न केवल आपकी जेब खाली हो सकती है बल्कि कर्ज के बोझ से भी दब सकते हैं
The burgeoning cost of medical treatment has forced people to go for multiple health insurance policies. This secures them from any unforeseen happening
लेटेस्ट न्यूज़