गूगल के प्रवक्ता ने एक ईमेल बयान में कहा, 'हमने इस मुद्दे को हल करने के लिए तेजी से काम किया है।' गूगल ने आगे कहा कि जेमिनी को रचनात्मकता और उत्पादकता उपकरण के रूप में बनाया गया है और ये 'हमेशा भरोसेमंद नहीं हो सकता है।
सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए वस्तु एवं सेवा खरीदारी मंच के तौर जीईएम पोर्टल को नौ अगस्त, 2016 को पेश किया गया था।
जेजीईपीसी के अनुसार फरवरी 2023 में, कटे और पॉलिश किए गए हीरे (सीपीडी) का कुल निर्यात 32 प्रतिशत बढ़कर 19,582.38 करोड़ रुपये हो गया।
कुछ राज्यों के पुलिस प्रमुखों ने वाणिज्य मंत्रालय के सरकारी ई-मार्केटप्लेस से अपने मंच पर छोटे हथियारों की बिक्री की इजाजत देने को कहा है।
रत्न एवं आभूषण का सकल निर्यात 2020-21 में 25.40 अरब डॉलर रहा। मार्च में रत्न एवं आभूषण का कुल सकल निर्यात 4.33 फीसदी बढ़कर 3.39329 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 3.40907 अरब डॉलर के मुकाबले 0.46 फीसदी कम है।
अगस्त 2021 में तराशे और पॉलिश हीरों का निर्यात 29.37 प्रतिशत वृद्धि के साथ 15,083.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, सोने के आभूषणों का निर्यात 15.06 प्रतिशत घटा है।
गडकरी ने गोयल से आग्रह करते हुए कहा कि आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे को देखें और भारत सरकार के नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत उचित कदम उठाने का कष्ट करें।
रत्न और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए।
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जनवरी में तराशे और पॉलिश हीरों (सीपीडी) का निर्यात 4.92 प्रतिशत घटकर 11,757.08 करोड़ रुपए पर आ गया।
भू-राजनीतिक तनाव और बड़े विकसित बाजारों की मांग में नरमी से दिसंबर 2019 में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात साल भर पहले की तुलना में 1.28 प्रतिशत गिरकर 17,337.52 करोड़ रुपए रह गया।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि उनका मानना है कि सरकार का पोर्टल जेईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) भारतीय उत्पादों को बेचने में अमेजन और फ्लिपकार्ट की तरह काम कर सकता है।
जीजेईपीसी ने कहा कि रत्न एवं आभूषण निर्यात में गिरावट की प्रमुख वजह स्वर्ण आभूषणों, रंगीन रत्नों और तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में कमी आना है।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे का कहना है कि आम बजट में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क वृद्धि का निर्णय सरकार की अनावश्यक उत्पादों का आयात कम करने की नीति के तहत किया गया।
आम बजट 2019-20 में सोने पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने की वजह से स्थानीय कारोबारियों को अपना कारोबार पड़ोसी देशों में ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के वाइस-चेयरमैन शंकर सेन ने कहा कि हमने वित्त मंत्रालय से इसे घटाकर चार प्रतिशत करने की सिफारिश की है।
चौहान ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के विभागों ने अगले चार से पांच साल में माल एवं सेवाओं की डेढ़ लाख करोड़ रुपए तक की खरीदन का लक्ष्य तय किया है।
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 8 प्रतिशत गिरकर करीब 32.72 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2016-17 में निर्यात 35.47 अरब डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी के दौरान देशम में सोने का आयात 20.26 प्रतिशत घटकर 18,613.25 करोड़ रुपए का हुआ है
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