कंपनी को मजबूत कर्ज मांग और गैर-प्रमुख कारोबार में विस्तार के कारण चालू वित्त वर्ष के आखिर तक 5,000 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ में पहुंचने की उम्मीद है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड पर आकर्षक प्रतिफल के बावजूद घरेलू बाजारों की मजबूती की वजह से एफपीआई आक्रामक बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
इंडियन बॉन्ड मार्केट में विदेशी निवेशकों का आकर्षण बढ़ने की वजह जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल किए जाना और व्यापक रूप से देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत परिदृश्य है।
बॉन्ड के अलावा विदेशी निवेशकों ने समीक्षाधीन अवधि में शेयरों में शुद्ध रूप से 378 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे पहले, अक्टूबर और सितंबर महीने में एफपीआई ने निकासी की थी।
दरअसल ग्रीन बॉन्ड भी गवर्नमेंट की तरह होते है।बस इसमें अंतर यह होता है कि जो पैसे ग्रीन बॉन्ड में एकत्रित या निवेश किए जाते हैं उसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ हरित और अक्षय ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं जैसे सौर, पन बिजली और पवन ऊर्जा जैसी परियोजनाओं में ही खर्च किया जाता है।
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में जेपी मॉगर्न ने कहा था कि अगर भारत को वैश्विक बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो बीएसई सेंसेक्स दिसंबर 2023 तक 80,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।
Bonds 17,000 Crore: IIFCL बॉन्ड जारी कर 17 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। कंपनी इसे कई खेप में जारी करेगी। आइए कंपनी के पोर्टफोलियो पर एक नजर डालते हैं।
ट्रांजिशन बॉन्ड किसी कंपनी के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने से जुड़ी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए जारी किए जाते हैं।
SEBI Share market News: बॉन्ड में निवेश करने का कोई विशेष समय नहीं होता है। आप जब चाहें इसमें निवेश कर सकते हैं। आप वर्ष में कभी भी बॉन्ड खरीदते हैं। अब इसमें सेबी ने कुछ बदलाव किया है। आइए जानते हैं।
Bond Market in World: सरकार को जब पैसों की जरूरत होती है तब वह एक निश्चित ब्याज दर पर बॉन्ड जारी करती है। यह सेम नियम प्राइवेट कंपनियों पर भी लागू होता है। आज के आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि लोन मार्केट में बॉन्ड ने अपनी जेम्सगिरी कैसे कायम की? इसकी शुरुआत कब हुई? आइए पन्ने पलटते हैं।
Fixed Deposit की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के बाद से सुरक्षित और अच्छे रिटर्न की तलाश करने वाले निवेशकों के पास बैंक FD में निवेश करना एक बेहतर विकल्प बन गया है। हालांकि, बॉन्ड (Bond) में निवेश भी बेहतर रिटर्न के ऑप्शन के रूप में अपनी जरूरतों के आधार पर पूरा खरा उतरता है।
रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के जरिये निवेशक अब प्राथमिक और माध्यमिक बाजारों से सीधे ट्रेजरी बिल, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आदि खरीद सकेंगे
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा, ‘‘कंपनी के निदेशक मंडल ने 2,000 करोड़ रुपये तक के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर कोष जुटाने की मंजूरी दे दी है।’’ यह राशि एक या अधिक किस्तों में जुटाई जाएगी।
एसबीआई ने कहा कि इस बॉन्ड को निवेशकों से भारी प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये के बेस इश्यू साइज के मुकाबले 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां प्राप्त हुईं
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एकबार फिर चेतावनी जारी की है। भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे महामारी के झटके से बाहर निकल रही है।
डिपॉजटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 22 जनवरी के दौरान शेयर बाजारों में 24,469 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि उन्होने ऋण या बांड बाजार से 6,013 करोड़ रुपये की निकासी की है।
जिस तरह लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड को रेटिंग मिली है, उसको देखते हुए गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और आगरा नगर निगमों के भी बॉन्ड जारी किए जाएंगे।
रिजर्व बैंक 22 अक्टूबर 2020 को दस हजार करोड़ रुपये में राज्य विकास ऋण यानि एसडीएल की पहली बार खुले बाजार परिचालन के जरिये (ओएमओ) खरीद करेगा। नीलामी का परिणाम 22 अक्टूबर को ही घोषित कर दिया जायेगा।
एसबीआई के डिप्टी एमडी (फाइनेंस) स्वामीनाथन जे ने कहा कि इन बांड्स को मिली भारी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि स्टेट बैंक की प्रतिभूतियां गोल्ड स्टैंडर्ड वाली होती हैं
बैंक ने कहा कि इन बांड का अंकित मूल्य 10 लाख रुपए प्रति बांड होगा और परिपक्वता अवधि 15 साल की होगी। इनके ऊपर सालाना 6.80 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा।
लेटेस्ट न्यूज़