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Retire Rich: नेशनल पेंशन स्‍कीम में निवेश से पहले जान लें ये बातें, बचा सकतें हैं टैक्‍स

नेशनल पेंशन स्‍कीम के साथ रिटायरमेंट प्‍लानिंग से पहले उसके रिटर्न के गणित को ठीक प्रकार से समझ लेना भी बहुत जरूरी है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: November 16, 2015 7:41 IST
Retire Rich: नेशनल पेंशन स्‍कीम में निवेश से पहले जान लें ये बातें, बचा सकतें हैं टैक्‍स- India TV Paisa
Retire Rich: नेशनल पेंशन स्‍कीम में निवेश से पहले जान लें ये बातें, बचा सकतें हैं टैक्‍स

नई दिल्‍ली। सिक्‍योर्ड फ्यूचर के लिए समय रहते रिटायरमेंट की प्‍लानिंग करना बेहद समझदारी भरा कदम है। लेकिन इससे भी ज्‍यादा समझदारी इसमें है कि हम नेशनल पेंशन स्‍कीम जैसी दूसरी स्‍कीम्‍स के बारे में भली प्रकार जान लें। अक्‍सर हम किसी भी सरकारी या निजी कंपनी की स्‍कीम में अंधाधुंध निवेश कर डालते हैं। लेकिन जब हमें वास्‍तव में इसकी जरूरत होती है, तब हमारे हाथ कुछ भी नहीं लगता। ऐसे में रिटायरमेंट प्‍लानिंग से पहले उसके रिटर्न के गणित को ठीक प्रकार से समझ लेना भी बहुत जरूरी है। यही ध्‍यान मे रखते हुए इंडिया टीवी पैसा आपको सरकार की नेशनल पेंशन स्‍कीम और इस पर लगने वाले टैक्‍स और रिटर्न के बारे में बता रहा हैं।

पेंशन प्‍लान में इन्‍वेस्‍ट होगा फायदेमंद, एनपीएस में धन निकासी पर मिल सकती है टैक्‍स छूट

क्या है एनपीएस

सरकार की पेंशन फंड रेगुलेटरी अथॉरिटी ने 18 से 60 साल के लोगों के लिए रिटायरमेंट की आय की व्यवस्था के लिए ये स्कीम लॉन्च की है। इसमें आपकी बचत आपकी 60 साल की उम्र पूरी होने तक लॉक इन रहती है। पेंशन अकाउंट दो तरह का होता है। पहला टियर वन अकाउंट, इसमें से पैसा नहीं निकाला जा सकता है। इसको 500 रुपए या ज्यादा रकम से खुलवाया जा सकता है। आपको सालाना कम से कम 6000 का बेलेंस रखना होता है। दूसरा टियर टू अकाउंट, यह स्वैच्छिक अकाउंट होता है। ये टियर वन अकाउंट होने पर ही खुलता है। इसको कम से कम 1,000 के डिपॉजिट से खोलना होता है। इसके बाद इसमें कम से कम 250 रुपए का निवेश किया जा सकता है। इस अकाउंट में सालाना 2,000 का बैलेंस होना जरूरी है।

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पेंशन फंड पर तीन तरीके से बचा सकते हैं टैक्‍स

एनपीएस टैक्‍स सेविंग का अच्‍छा माध्‍यम है। इसके माध्‍यम से हम तीन तरीके से टैक्‍स सेव कर सकते हैं। इसमें निवेश की गई 1.5 लाख तक की राशि पर हमें टैक्‍स छूट मिलती है। वहीं अगल आपका इंप्‍लॉयर आपकी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी पेंशन फंड में निवेश करता है, तो इसका भी टैक्‍स लाभ आपको मिलेगा। इस पर हर साल 50 हजार रुपए तक की टैक्‍स मिल सकती है। यह टैक्‍स छूट 1.5 की छूट के अतिरिक्‍त है।

चुन सकते हैं एन्‍युटी के विकल्‍प

एनपीएस में किया गया इंवेस्‍टमेंट पॉलिसी धारक के 60 साल पूरा करने पर मैच्‍योर होती है। यदि आपका कॉर्पस 2 लाख रुपए से कम है तो आपको पूरी राशि निकालने की छूट है। लेकिन 2 लाख से अधिक कॉर्पस होने पर सब्‍सक्राइबर 60 फीसदी राशि ही निकाल सकता है। शेष 40 फीसदी की राशि से उस एन्‍युटी खरीदनी होती है। सब्‍सक्राइबर एन्‍युटी के विकल्‍प और प्रोवाइडर खुद चुन सकता है।

ऐसे लगता है एनपीएस पर टैक्‍स

एनपीएस की मैच्‍योरिटी के बाद प्राप्‍त फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए टैक्‍स फ्री होता है। लेकिन प्राइवेट सेक्‍टर के इंप्‍लॉई को इस पर टैक्‍स देना होगा। अगर किसी कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी नहीं मिली है तो कॉर्पस की 50 फीसदी राशि टैक्‍स फ्री हो जाती है। ग्रेच्‍युटी मिलने पर 33 फीसदी राशि ही टैक्‍स फ्री होती है। वहीं एन्‍युटी लेने में खर्च हुई 40 फीसदी राशि भी टैक्‍स फ्री होती है। ऐसे में कर्मचारी पर 10 से 27 फीसदी राशि पर ही मौजूदा दरों से टैक्‍स लगाया जाता है।

एनपीएस से राशि निकालने के हैं विकल्‍प

वैसे तो एनपीएस में निवेश की गई राशि सिर्फ इंप्‍लॉई के 60 साल पूरा करने के बाद ही निकालने की अनुमति होती है। लेकिन नए नियमों के तहत इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत अब 10 साल तक किश्‍तें भरने के बाद कुछ शर्तों के साथ राशि निकालने की छूट मिलती है। पेंशन फंड सब्‍सक्राइबर की कुछ जरूरतों जैसे बच्‍चे की बढ़ाई, की पढ़ाई, शादी, हायर एजुकेशन, पहले घर की खरीद या परिवार के किसी सदस्‍य के इलाज के लिए 25 फीसदी तक राशि निकाल सकता है।

एनपीएस में निवेश की नहीं है कोई लिमिट

एनपीएस में निवेश के लिए सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई लिमिट तय नहीं की है। सब्‍सक्राइबर कितनी भी राशि इसमें जमा कर सकता है। निवेश की न्‍यूनतम सीमा 6000 रुपए तय की गई है। फंड में इक्विटी एलोकेशन की सीमा 50 फीसदी है। इंवेस्‍टर्स के पास खुद ही 7 पेंशन फंड मैनेजर चुनने की छूट होती है।

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