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देश में मौजूदा NBFC संकट है कंपनियों की व्‍यक्तिगत समस्‍या, ये नहीं है कोई सिस्‍टेमेटिक जोखिम

उधारकर्ताओं ने कम अवधि वाली उधारी लेकर लंबे समय तक के लिए फाइनेंस किया और इस कारण तरलता में दिक्कत आ गई,

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 26, 2019 12:29 IST
NBFC Crisis- India TV Paisa
Photo:NBFC CRISIS

NBFC Crisis

मुंबई। हाल के समय में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) सेक्टर में जो संकट है, वह कोई सिस्टेमेटिक रिस्क नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत कंपनियों का अलग-अलग संकट है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जो भी डेट पेपरों को लेकर चिंता है, या सवाल उठ रहे हैं वह चुनिंदा फंड हाउसेस किसी विशेष स्कीम को लेकर है न कि पूरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को लेकर। यह बात अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा एंफी के चेयरमैन निमेश शाह ने कही।

निमेश शाह ने कहा कि अगर हम 13 जून के आधार पर देखें तो फाइनेंशियल इंडेक्स ने 16.26 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी की तुलना में ज्यादा रिटर्न है और पिछले एक साल में यह रिटर्न 9.74 प्रतिशत रहा है। हमारा हमेशा यह मानना है कि निवेश के फैसले में क्रेडिट रेटिंग जरूर एक इनपुट है, लेकिन पूरे फैसले के लिए एकमात्र निर्धारक नहीं है। हमारे क्रेडिट फैसले के मामले में दो महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं जिसमें से एक ग्राहकों का चयन और दूसरा एकाग्रता से बचने का। यह अनुशासन हमें इसमें मदद करता है कि पूरी तरह से हम क्रेडिट रेटिंग पर विश्वास न करें और साथ ही संभावित संकटों से भी बच सकें।

उनका कहना है कि उधारकर्ताओं ने कम अवधि वाली उधारी लेकर लंबे समय तक के लिए फाइनेंस किया और इस कारण तरलता में दिक्कत आ गई, जिससे रीफाइनेंस मुहैया करने के जोखिम में वृद्धि हुई। हालांकि उधारकर्ता इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कदम उठा रहे हैं और शॉर्ट टर्म के साधनों वाले फंडिंग पर अधिक निर्भरता कम कर रहे हैं।

निमेश शाह कहते हैं कि हमने क्रेडिट की घटनाओं को व्यवस्थित तरीके से देखा है और उसमें से कुछ क्रेडिट के मुद्दों को सुलझाया जा चुका है और कुछ सुलझने की प्रक्रिया में हैं। चूंकि डेट म्यूचुअल फंड को लेकर ढेर सारी नकारात्मक खबरें आती रही हैं, इसलिए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश का माहौल निगेटिव हो गया है। इस पूरे मामले में जो सबसे बड़ा डेवलपमेंट हुआ है, वह यह कि डेट फंड्स में जोखिम प्रबंधन और पोर्टफोलियो के विविधीकरण पर फोकस बढ़ गया है। इन घटनाओं ने इस पर भी फोकस किया है कि इक्विटी निवेश में उतार-चढ़ाव इसका एक हिस्सा है। रेटिंग अपग्रेड और डाउनग्रेड क्रेडिट निवेश का एक हिस्सा है।

निमेश शाह ने कहा कि वित्तीय ईकोसिस्टम के लिए एनबीएफसी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके तहत कंपनियों की ढेर सारी वेराइटियां हैं, जिसमें से कुछ मजबूत कॉर्पोरेट या बैंकों से जु़ड़ी हुई हैं। उदाहरण स्वरूप कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाले वाहनों के क्षेत्र में, हाउसिंग फाइनेंस, इंफ्रा फाइनेंस, सोने के एवज में कर्ज देने आदि के क्षेत्र में हैं। इन सभी कंपनियों की प्रक्रिया एक अनोखा बिजनेस मॉडल का पालन करती हैं। हमारा मानना है कि अगर अच्छी तरह से प्रबंधित एनबीएफसी के पेपरों में निवेश किया जाए तो वर्तमान संकट डराने वाला नहीं है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के रूप में हम अपने एक्सपोजर को उन एनबीएफसी में बढ़ाएं, जो बैंकों या मजबूत कॉर्पोरेट समूहों द्वारा स्थापित की गई हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में, हमारे जोखिम प्रबंधन की अच्छी प्रक्रियाओं ने हमें आज तक अच्छी स्थिति में रखा है। लेकिन, इंडस्ट्री के रूप में, मौजूदा डेट बाजार की स्थिति ने मजबूत जोखिम प्रबंधन के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है।

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