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1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्‍स से जुड़े ये 10 नियम, आपके लिए जानना है बहुत जरूरी

1 अप्रैल से इनकम टैक्‍स से जुड़े कुछ नियम बदल जाएंगे। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में इनकम टैक्‍स में बहुत से बदलावों की घोषणा की थी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: March 24, 2017 18:59 IST
1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्‍स से जुड़े ये 10 नियम, आपके लिए जानना है बहुत जरूरी- India TV Paisa
1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्‍स से जुड़े ये 10 नियम, आपके लिए जानना है बहुत जरूरी

नई दिल्‍ली। लोकसभा में बुधवार को वित्‍त विधेयक पारित होने के साथ ही वित्‍त वर्ष 2017-18 की बजट प्रक्रिया पूरी हो गई है। वित्‍त विधेयक एक मनी बिल था, इसलिए इसे केवल लोकसभा में ही पारित कराने की जरूरत थी। 1 अप्रैल से इनकम टैक्‍स से जुड़े कुछ नियम बदल जाएंगे। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में इनकम टैक्‍स में बहुत से बदलावों की घोषणा की थी। इसके अलावा वित्‍त विधेयक में भी कुछ संशोधन किए गए हैं, जिन्‍हें लोकसभा ने पास भी कर दिया है। यहां हम उन बदले हुए नियमों को बताने जा रहे हैं, जिन्‍हें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।

1) 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले लोगों को 10 प्रतिशत के बजाये अब 5 प्रतिशत की दर से टैक्‍स देना होगा। हालांकि, धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट को 5,000 से घटाकर 2,500 रुपए कर दिया गया है। 3.5 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वालों को यह छूट नहीं मिलेगी। इसका मतलब होगा कि 3 से 5 लाख रुपए टैक्‍सेबल आय वालों को 7,700 रुपए की बचत होगी, जबकि 5 से 50 लाख रुपए टैक्‍सेबल इनकम वालों को 12,900 रुपए की बचत होगी।

2) 50 लाख से एक करोड़ रुपए वार्षिक आय वाले व्‍यक्तियों को 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा। वहीं एक करोड़ रुपए सालाना इनकम वाले लोगों को 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा।

3) पांच लाख रुपए की सालाना आय वाले व्‍यक्तिगत करदाताओं के लिए टैक्‍स रिटर्न फाइल करने के लिए एक पेज का फॉर्म पेश किया जाएगा।

4) निर्धारण वर्ष वर्ष 2018-19 के लिए राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्‍कीम में निवेश पर कर लाभ नहीं मिलेगा। इस टैक्‍स सेविंग स्‍कीम को वित्‍त वर्ष 2012-13 के लिए घोषित किया गया था। यह योजना प्रतिभूति बाजार में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को प्रोत्‍साहन देने के लिए शुरू की गई थी।

5) यदि सर्च ऑपरेशन में 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है तो इनकम टैक्‍स अधिकारी पिछले 10 साल के टैक्‍स मामलों की छानबीन कर सकते हैं। वर्तमान में टैक्‍स अधिकारियों को किसी करदाता के पिछले छह साल के दस्‍तावेजों की ही छानबीन करने का अधिकार है। ऐसे करदाता जो समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, उन्‍हें निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए 10,000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, यदि किसी व्‍यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो इस धारा के तहत उस पर अधिक‍तम जुर्माने की राशि 1,000 रुपए होगी।

6) लांग टर्म गेंस के लिए किसी संपत्ति के होल्डिंग पीरियड को 3 साल से घटाकर अब 2 साल कर दिया गया है। यदि कोई व्‍यक्ति संपत्ति को खरीदकर उसे 2 साल की अवधि के भीतर ही बेचता है तो उसे इस पर होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स देना होगा। यदि इस संपत्ति की बिक्री खरीदने की तारीख से दो साल बाद की जाती है तो उस पर कोई टैक्‍स नहीं देना होगा।

7) किराये पर घर देने वालों के टैक्‍स लाभ में कटौती की गई है। मौजूदा टैक्‍स कानून के मुताबिक किराये पर दी गई संपत्ति के लिए करदाता रेंटल इनकम को एडजस्‍ट करने के बाद होम लोन पर चुकाए जाने वाले संपूर्ण ब्‍याज पर टैक्‍स कटौती का लाभ ले सकते हैं। अब नए नियम के मुताबिक खुद के रहने वाले मकान के लिए होम लोन पर ब्‍याज के भुगतान में 2 लाख रुपए पर टैक्‍स कटौती का लाभ मिलेगा। लेकिन रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए करदाता रेंटल इनकम एडजस्‍ट करने के बाद प्रति वर्ष केवल 2 लाख रुपए पर ही टैक्‍स लाभ हासिल कर सकेगा। दो लाख रुपए से अधिक की राशि को अगले आठ असेसमेंट वर्षों तक आगे ले जाया जा सकेगा।

8) प्रति माह 50,000 रुपए से अधिक के किराये का भुगतान करने वाले व्‍यक्ति को अब 5 प्रतिशत टीडीएस (स्रोत कर कर) काटना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से ऐसे व्‍यक्ति जिनकी रेंटल इनकम बहुत अधिक है, वो टैक्‍स के दायरे में आएंगे। यह नियम एक जून 2017 से प्रभावी होगा।

9) नेशनल पेंशन सिस्‍टम से आंशिक निकासी पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। प्रस्‍तावित बदलावों के मुताबिक एनपीएस सब्‍सक्राइबर्स अपने अंशदान का 25 प्रतिशत हिस्‍सा रिटायरमेंट से पहले इमरजेंसी के दौरान निकाल सकेंगे। यह याद रखें कि रिटायरमेंट पर कुल संपत्ति का 40 प्रतिशत हिस्‍सा ही टैक्‍स फ्री है।

10) एक जुलाई से पैन कार्ड बनवाने और इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा। कालेधन पर रोक लगाने के लिए नकद लेनदेन की सीमा भी 3 से घटाकर अब 2 लाख रुपए कर दी गई है। यदि कोई व्‍यक्ति दो लाख रुपए से अधिक का लेनदेन करते पाया जाता है तो उसे इस सीमा से अधिक राशि पर 100 प्रतिशत जुर्माना देना होगा।

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