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भारतीय कंपनियों ने बाजार से 6.3 लाख करोड़ रुपए जुटाए, बॉन्ड पर रहा जोर

कंपनियों ने मौजूदा वर्ष में अपने कारोबार के लिए पूंजी जरूरत के लिए बाजार सै पैसा जुटाने को तरजीह दी और लगभग 6.3 लाख करोड़ रुपए जुटाए।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: December 25, 2016 15:28 IST
Year Ender 2016: भारतीय कंपनियों ने बाजार से 6.3 लाख करोड़ रुपए जुटाए, बॉन्ड पर रहा जोर- India TV Paisa
Year Ender 2016: भारतीय कंपनियों ने बाजार से 6.3 लाख करोड़ रुपए जुटाए, बॉन्ड पर रहा जोर

नई दिल्ली। कंपनियों ने मौजूदा वर्ष में अपने कारोबार के लिए पूंजी जरूरत के लिए बाजार सै पैसा जुटाने को तरजीह दी और लगभग 6.3 लाख करोड़ रुपए जुटाए। शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव की प्रवृत्ति के बीच पूंजी जुटाने के लिहाज से बॉन्ड उनके लिए पसंदीदा माध्यम रहा।

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दर में कमी, बैंकों में अधिशेष नकदी और बॉन्ड जारी करने के लिए आसान नियामकीय माहौल के मद्देनजर कंपनियां नये साल में भी बाजार से पैसा जुटाने के लिए शेयर बाजारों के बजाए बांड मार्ग को तरजीह देंगी।

  • नोटबंदी के कारण शेयर बाजारों में धारणा कमजोर हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति कम-से-कम 2017 के शुरूआत में तो बनी रहेगी।
  • कंपनियों ने वर्ष 2015 में भी इतनी ही राशि जुटाई और ज्यादातर राशि बॉन्ड बाजार से ही जुटाई गई थी।
  • शेयर बाजार से नई पूंजी का संग्रह 2016 में करीब 80,000 करोड़ रुपए रहा।
  • इसमें से अधिकतर राशि प्रवर्तकों को तरजीही शेयर आबंटन और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए जुटाई गई।
  • ये कोष मुख्य रूप से व्यापार योजनाओं के विस्तार, ऋण के भुगतान और कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए जुटाए गए।

बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा निवेश विश्लेषण प्रमुख आलोक अग्रवाल ने कहा, बॉन्ड जारी करने के लिए ब्याज दर में कमी, बैंकों में अधिशेष पूंजी और पहले से आसान नियामकीय व्यवस्था को देखते हुए कंपनियां 2017 में पूंजी जुटाने के लिए बॉन्ड को तरजीह दे सकती हैं।

  • नकदी की बहुतायत और कम ब्याज दर के साथ 2017 में बैंक भी पूंजी के लिए पसंदीदा स्रोत हो सकते हैं।
  • ब्याज दर तथा उभरते बाजार में मुद्रा उतार-चढ़ाव वैश्विक स्तर पर बढ़ा है।
  • ऐसे में कंपनियां धन जुटाने के लिये विदेशी बाजारों के बजाए घरेलू बाजार को ज्यादा आकर्षक पाएंगी।

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