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Google Chrome को टक्कर दे रहा Brave ब्राउजर, विज्ञापन देखने के मिलेंगे पैसे

विश्व स्तर पर 200 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा इंटरनेट ब्राउसिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गूगल क्रोम को 'ब्रेव' ब्राउजर से कुछ गंभीर प्रतिस्पर्धा मिली है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: July 01, 2019 12:58 IST
Brave vs Chrome vs Firefox Browser- India TV Paisa
Photo:YOU TUBE

Brave vs Chrome vs Firefox Browser

नई दिल्ली। विश्व स्तर पर 200 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा इंटरनेट ब्राउसिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गूगल क्रोम को 'ब्रेव' ब्राउजर से कुछ गंभीर प्रतिस्पर्धा मिली है। इंटरनेट ब्राउजिंग की दुनिया में लॉन्च हुए ब्रेव (Brave) ब्राउजर की खास बात है कि यह थर्ड पार्टी विज्ञापन और कूकीज को ऑटोमैटिकली ब्लॉक कर देता है। यह ब्राउजर यूजर को ऐड (विज्ञापन) देखने का भी ऑप्शन देता है। साथ ही यूजर अगर इस ब्राउजर पर मौजूद ऐड्स को क्लिक करते हैं तो उन्हें यह पैसे भी देगा। यानी विज्ञापन देखने और उस पर क्लिक करके सुरक्षित तरीके से वहां जाने के लिए यूजर्स को पैसे मिलेंगे।

नए ब्राउजर 'ब्रेव' ने नए विज्ञापन मॉडल का पूर्वावलोकन करना शुरू कर दिया है, जो यूजर्स को लोड और विज्ञापनों को देखने के लिए अर्जित राजस्व का 70 प्रतिशत प्रदान करने का वादा करता है। बचे हुए 30 प्रतिशत ब्राउजर के डिवेलपर्स के हिस्से में जाएंगे।

ब्राउजर के इस नए ऐडवर्टाइजिंग मॉडल में भाग लेने वाले यूजर्स इस वर्ष लगभग 60 से 70 डॉलर कमा पाएंगे और संभवत: 2020 में वे 224 डॉलर के आसपास कमा सकेंगे। हाल के ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने कहा, "ब्रेव विज्ञापनों के साथ हम ऑनलाइन विज्ञापनों को रिफॉर्म कर रहे हैं, जो आक्रामक और अनुपयोगी हो गया था।"

ब्रेव एक ओपन सोर्स क्रोमियम बेस्ड ब्राउजर है जिसने स्पीड, सिक्यॉर ब्राउजिंग और क्विक नैविगेशन के मामले में गूगल क्रोम को पीछे छोड़ दिया। अपनी सर्विस के कारण ब्रेव मोजिल्ला फायरफॉक्स के बाद सबसे बेस्ट ब्राउजर बन गया है। इस लिस्ट में ऐपल सफारी तीसरे नंबर और गूगल क्रोम चौथे स्थान पर है। लिस्ट को toptenreviews.com रीव्यूइंग पोर्टल ने जारी किया है। 

फायरफॉक्स के सह-संस्थापक और जावास्क्रिप्ट निर्माता ब्रेंडन ईच (जिन्होंने ब्राउजर बनाया) के अनुसार, "ब्रेव के विज्ञापन उन बिचौलियों को हटाते हैं, जो यूजर्स डेटा का शोषण करते हैं और निगरानी पर पनपते हैं। हम इसके बजाय एक सहमति-आधारित प्रणाली की पेशकश करते हैं।" 

ब्रेव को सबसे पहले साल 2018 में आईओएस के लिए लॉन्च किया गया था। हालांकि अब यह ऐंड्रॉयड के साथ ही मैकओएस, विंडोज और Linux पर भी उपलब्ध है। ब्रेव की वेबसाइट की मुताबिक यह ब्राउजर क्रोम की तुलना में डेस्कटॉप पर दोगुना और मोबाइल पर आठ गुना तेज काम करता है।

ब्रेव ब्राउजर की सबसे खास बात है कि इसके सर्वर यूजर्स के ब्राउजिंग डेटा को ना ो देखते हैं और ना हीं स्टोर करते हैं। साथ ही यह यूजर्स को प्रिवेसी सेटिंग कस्टमाइज करने का ऑप्शन भी देता है जो क्रोम पर उपलब्ध नहीं है।

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