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GST संग्रह जून में 56% बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रहा, कच्चे ईंधन पर लगे कर की समीक्षा हर पखवाड़े

जीएसटी व्यवस्था शुरू होने के बाद से यह पांचवी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: July 01, 2022 17:01 IST
GST- India TV Paisa
Photo:FILE

GST

Highlights

  • मार्च 2022 के बाद से लगातार चौथा महीना है जब संग्रह इतना अधिक
  • मई 2022 में जीएसटी राजस्व करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था
  • अप्रैल में 1.68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था

GST संग्रह जून में के महीने में सालाना आधार पर 56 प्रतिशत बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में जून के लिए जीएसटी आंकड़े देते हुए कहा कि एक साल पहले जून, 2021 में जीएसटी संग्रह 92,800 करोड़ रुपये रहा था। जून 2021 की तुलना में जून 2022 में वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 55 फीसदी अधिक और घरेलू लेनदेन से राजस्व 56 फीसदी अधिक रहा। जीएसटी दिवस पर आयोजित समारोह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये की एक निचली सीमा बन चुकी है। 

पांचवी बार रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन 

जीएसटी व्यवस्था शुरू होने के बाद से यह पांचवी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है और मार्च 2022 के बाद से लगातार चौथा महीना है जब संग्रह इतना अधिक रहा है। मंत्रालय ने कहा कि मई 2022 में बने कुल ई-वे बिल 7.3 करोड़ रहे जो अप्रैल 2022 के 7.4 करोड़ ई-वे बिल से दो फीसदी कम है। मई 2022 में जीएसटी राजस्व करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था और अप्रैल में 1.68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था। 

ईंधन पर लगे कर की समीक्षा हर पखवाड़े

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कच्चा तेल, डीजल-पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर लगाए गए नए करों की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखते हुए हर पखवाड़े करेगी। सीतारमण ने कहा कि यह एक मुश्किल वक्त है और वैश्विक स्तर पर तेल कीमतें बेलगाम हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, हम निर्यात को हतोत्साहित नहीं करना चाहते लेकिन घरेलू स्तर पर उसकी उपलब्धता बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर तेल उपलब्ध नहीं होगा और निर्यात अप्रत्याशित लाभ के साथ होता रहेगा तो उसमें से कम-से-कम कुछ हिस्सा अपने नागरिकों के लिये भी रखने की जरूरत होगी। 

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