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सावधान: आधार कार्ड से जुड़ेगी आपकी शहरी संपत्ति, फर्जीवाड़ा रोकने के लिए योगी सरकार ने बनाया मास्टर प्लान

बेनामी सम्मपतियों और मालिकाना हक का विवाद खत्म करने और आपकी सभी शहरी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: October 10, 2019 13:44 IST
Yogi government will Property details link to owners aadhar card- India TV Paisa

Yogi government will Property details link to owners aadhar card

नई दिल्ली। बेनामी सम्मपतियों और मालिकाना हक का विवाद खत्म करने और आपकी सभी शहरी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड (UPOR/यूपीओआर) योजना लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसके तहत अब आपकी संपत्ति आधार कार्ड से लिंक हो जाएगी।

गौरतलब है कि यह स्कीम कर्नाटक में पहले से ही लागू है। अब उत्तर प्रदेश में भी सभी शहरी प्रॉपर्टी ओनर की संपत्ति आधार कार्ड से लिंक की जाएगी। इससे संपत्तियों के नामांतरण में होने वाला फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा, साथ ही नगर पालिकाओं को कर वसूली में मदद मिलेगी और टैक्स कलेक्शन भी बढ़ सकेगा। बताया जा रहा है कि इस योजना के लागू होने के बाद राज्य में बेनामी संपत्ति, एक से अधिक संपत्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी।

बता दें कि बड़े शहरों में संपत्तियों के मालिकाना हक का पुख्ता लेखा-जोखा खासतौर से नगर निगमों के पास नहीं है और संपत्तियों को लेकर विवाद भी रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक सलाहकार केवी राजू की पहल पर अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड योजना लागू करने की कवायद चल रही है। बीते दिनों केवी राजू की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में की सुझावों पर चर्चा भी हो चुकी है।

इन राज्यों में लागू होगी स्कीम

यूपीओआर योजना अभी शुरुआती चरणों में है इसे राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ और प्रयागराज में में प्रथम चरण में लागू किया जाएगा। इन शहरों में योजना लागू करने के लिए सरकार ने ई-टेंडरिंग से प्रस्ताव भी मांगे थे। केवी राजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई कंपनियों के प्रतिनिधियों की तरफ से सुझाव भी आए। कर्नाटक सरकार डिपार्टमेंट ऑफ सर्वे एवं सेटेल्मेंट के कंसल्टेंट केवी रुद्रेश ने बताया कि कर्नाटक के अधिकांश शहरी और ग्रामीण इलाकों में इस योजना को लागू किया जा चुका है। चूंकि, योजना बेहद चुनौतीपूर्ण है इसलिए उप्र में इसे लागू करने में कुछ समय लग सकता है।

ऐसे जुड़ेगी संपत्ति

शहरी क्षेत्र की संपत्तियों की आइडी का निर्माण कर उसे बायोमीटिक और आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। संपत्ति का डिजीटल डोर नंबर का निर्माण किया जाएगा। उसके जरिए सारा रिकॉर्ड नगर निगमों के पास रहेगा।

होगा उच्च स्तरीय कमेटी का गठन

राज्य सरकार सर्वे ऑफ इंडिया से तकनीकी सहायता लेगी और रिटायर्ड आईएएस अफसर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में कई विभागों में समन्वय के लिए राज्य सरकार के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में हाईपॉवर कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में निबंधन विभाग, नगर एवं ग्राम नियोजन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

 

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