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75 फीसदी रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स पर शुरू नहीं हुआ काम, निवेशकों के फंसे 14 लाख करोड़ रुपए

3540 रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स में से करीब 75 फीसदी 2014-15 तक शुरू नहीं हो पाए हैं। इन प्रोजेक्‍ट्स में निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: October 23, 2015 10:29 IST
75 फीसदी रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स पर शुरू नहीं हुआ काम, निवेशकों के फंसे 14 लाख करोड़ रुपए- India TV Paisa
75 फीसदी रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स पर शुरू नहीं हुआ काम, निवेशकों के फंसे 14 लाख करोड़ रुपए

नई दिल्‍ली। देश में 3540 रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स में से करीब 75 फीसदी प्रोजेक्‍ट्स वित्‍त वर्ष 2014-15 तक शुरू नहीं हो पाए हैं। इन प्रोजेक्‍ट्स में निवेशकों के तकरीबन 14 लाख करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम की ‘रियल एस्‍टेट इन्‍वेस्‍टमेंट: स्‍टेट लेवल एनालिसिस’ नामक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में लॉन्‍च हुए रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स में से 95 फीसदी का निर्माण काम अपने तय समय से पीछे चल रहा है।

शुरू नहीं हो पाए 2300 प्रोजेक्‍ट्स

रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 2,300 से अधिक प्रोजेक्‍ट्स पर काम शुरू नहीं हो पाया है। 1,000 प्रोजेक्‍ट्स अपने तय समय से काफी पीदे चल रहे हैं। देरी से चल रहे ज्‍यादातर प्रोजेक्‍ट्स प्राइवेट डेवलपर्स के हैं। ऑनगोइंग प्रोजेक्‍ट्स में 964 प्राइवेट डेवलपर्स के हैं। इन प्रोजेक्‍ट्स की मार्केट हिस्‍सेदारी 95 फीसदी है। वहीं पब्लिक सेक्‍टर के 49 प्रोजेक्‍ट्स देरी से चल रहे हैं। इसके अलावा 6 प्रोजेक्‍ट्स विदेशी प्राइवेट कंपनी के हैं, जो देरी से चल रहे हैं।

रियल एस्‍टेट बिल होगा मददगार

एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने बताया कि भारत में रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट्स 33 महीने की औसत देरी से पजेशन दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह रियल एस्‍टेट (रेगुलेशन और डेवलपमेंट) बिल को जल्‍द मंजूरी दे। रियल एस्‍टेट बिल पास होने से प्रोजेक्‍ट लॉन्‍च करना आसान हो जाएगा और इस सेक्‍टर के विकास में आ रही बाधा को दूर किया जा सकेगा।

महाराष्‍ट्र सबसे आगे

रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट में निवेश के मामले में महाराष्‍ट्र नंबर वन है। कुल 14 लाख करोड़ रुपए के बकाया में महाराष्‍ट्र की कुल हिस्‍सेदारी 21 फीसदी है। दूसरे स्‍थान पर उत्‍तर प्रदेश है, जिसकी हिस्‍सेदारी 14 फीसदी है। तीसरी और चौथे स्‍थान पर गुजरात और कर्नाटक हैं। इन दो राज्‍यों की हिस्‍सेदारी क्रमश: 13 और 12 फीसदी है। पांचवें स्‍थान पर हरियाणा है और इसकी हिस्‍सेदारी 8 फीसदी है। तमिलनाडु और तेलंगाना की हिस्‍सेदारी 6 फीसदी है। असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड,ओडिशा और उत्तराखंड की हिस्‍सेदारी कुल निवेश में बहुत ही कम है। इन राज्‍यों की हिस्‍सेदारी 2 फीसदी के आसपास है।

निवेशकों को आकर्षित करने में केरल नंबर वन

एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार केरल कम्‍पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीजीएआर) देने में नंबर वन पर है। 2005-06 और 2014-15 के बीच केरल ने 59 फीसदी रियल एस्‍टेट निवेशकों को आकर्षित किया है। इसके बाद कर्नाटक 40 फीसदी और उत्‍तर प्रदेश की हिस्‍सेदारी 32 फीसदी है।

हरियाणा में निवेशकों का रुझान हुआ कम

हरियाणा के रियल एस्‍टेट मार्केट में निवेशकों का रुझान कम हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में निवेशकों द्वारा किए जाने वाले निवेश में 5 फीसदी की गिरावट आई है। पश्चिम बंगाल और मध्‍य प्रदेश में भी निवेश में गिरावट आई है। इन राज्‍यों में क्रमश: 4 और 3 फीसदी की गिरावट आई है।

आंध्र प्रदेश पजेशन देने में सबसे पीछे

रियल एस्‍टेट प्रोजेक्‍ट का पजेशन देने में आंध्र प्रदेश सबसे पीछे है। यहां पर प्रोजेक्‍ट्स 45 महीने की देरी से चल रहे हैं। इसके बाद मध्‍य प्रदेश 41 महीने, तेलंगाना 40 महीने और पंजाब 38 महीने की देरी से प्रोजेक्‍ट का पजेशन दे रहे हैं।

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