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अमेरिका ने दिया मोदी को जीत का तोहफा, भारत को करेंसी मॉनीटरिंग लिस्‍ट से बाहर निकाला

अमेरिका की इस सूची में अब चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और वियतनाम शामिल हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 29, 2019 12:17 IST
US removes India from its currency monitoring list- India TV Paisa
Photo:US REMOVES INDIA

US removes India from its currency monitoring list

वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत को मुद्रा की निगरानी सूची (करेंसी मॉनीटरिंग लिस्‍ट) से मंगलवार को बाहर निकाल दिया। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने प्रमुख व्यापार भागीदारों की विदेशी मुद्रा विनिमय नीतियों तथा वृहद आर्थिक कारकों पर कांग्रेस को भेजी अर्द्ध वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।

 अमेरिका ने इस फैसले के पीछे भारत द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों का जिक्र किया। उसने कहा कि इन कदमों से मौद्रिक नीति को लेकर उसकी आशंकाएं दूर हुई हैं। भारत के अलावा स्विट्ज़रलैंड दूसरा देश है जिसे अमेरिका ने इस सूची से बाहर किया है। अमेरिका की इस सूची में अब चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और वियतनाम शामिल हैं।

 मंत्रालय ने कहा कि इस रिपोर्ट में भारत को निगरानी की सूची से बाहर किया जाता है। भारत को लगातार दो रिपोर्ट में सिर्फ एक कारक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सरप्लस पर प्रतिकूल पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि न तो भारत और न ही स्विट्जरलैंड को, अक्टूबर 2018 की रिपोर्ट के साथ ही इस रिपोर्ट में भी एकतरफा दखल देने का जिम्मेदार पाया गया है। इस कारण भारत और स्विट्जरलैंड दोनों को मुद्रा की निगरानी सूची से बाहर किया जाता है।  

भारत को अमेरिका ने पहली बार मई 2018 में इस सूची में डाला था। भारत के साथ ही पांच अन्य देशों चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड को भी इस सूची में शामिल किया गया था। 
मंत्रालय ने कहा कि भारत की परिस्थितियां उल्लेखनीय तरीके से बेहतर हुई हैं। वर्ष 2018 के पहले छह महीने में रिजर्व बैंक द्वारा की गई शुद्ध बिक्री से जून 2018 तक की चार तिमाहियों में विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद कम होकर 4 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद के महज 0.2 प्रतिशत पर आ गई।  

हालांकि अमेरिका ने चीन को इस बार भी सूची में बनाए रखा है, लेकिन उसे मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश घोषित करने से इस बार भी इनकार किया है। मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कहा कि कोई भी देश मुद्रा के साथ छेड़छाड़ की शर्तों पर गलत नहीं पाया गया है। 

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