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45 साल के उच्चतम स्तर पर बेरोजगारी, 2017-18 में 6.1 फीसदी पहुंची बेरोजगारी दर तो कांग्रेस ने कही ये बात

भाजपा की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जोकि पिछले 45 साल का सर्वाधिक ऊंचा स्तर है।

India TV Business Desk Edited by: India TV Business Desk
Updated on: June 01, 2019 13:44 IST
Unemployment rate at 6 percent in financial year 2017-18 highest in 45 years- India TV Paisa

Unemployment rate at 6 percent in financial year 2017-18 highest in 45 years

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जोकि पिछले 45 साल का सर्वाधिक ऊंचा स्तर है। श्रम मंत्रालय ने यह आंकड़ा ऐसे समय जारी किया है जब नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुये मंत्रियों ने पदभार संभाला है।

बता दें कि, आम चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर जो रिपोर्ट लीक हुई थी शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों में उसकी पुष्टि हो गई है। राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय की ओर से श्रमिक बल के आवधिक सर्वेक्षण के आंकड़ों की रिपोर्ट का प्रकाशन इससे पहले रोक लिया गया था जिसमें बताया इसी तरह के बेरोजगारी के आंकड़ों का खुलासा किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी। ​नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में बेरोजगारी सचमुच 6.1 फीसदी बढ़ी। हालांकि मुख्य सांख्यिकी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि यह नया डिजाइन व मेट्रिक है और इसकी तुलना पूर्व आंकड़ों से करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि 2017-18 से लेकर आगे आपको इस आधार पर नियमित अनुमान मिलेगा।

सरकार ने पहले लीक हुई आधिकारिक रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि बेरोजगारी के आंकड़ों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण समष्टिगत आंकड़ों को रोकने के लिए विपक्षी दलों के आरोपों को झेलना पड़ा था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार अपनी नाकामयाबी को जानबूझकर छिपा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार बीते गुरुवार को शपथ लेने के एक दिन बाद ये आधिकारिक आंकड़े जारी हुए हैं। 

सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी है। बेरोजगारी दर का निर्धारण कुल कार्यबल में बेरोजगार व्यक्तियों की तादाद की गणना फीसदी में करके किया जाता है। अखिल भारतीय स्तर पर पर पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 प्रतिशत रही। 

दो बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए  - कांग्रेस 

विकास दर में गिरावट और बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाने को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कारगर कदम उठाएंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आर्थिक विकास में गिरावट आई है और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री विकास के इंजन को गति देने और रोजगार पैदा करने की रणनीति बनाने के लिए लघुकालीन और दीर्घकालीन रूपरेखा तैयार करेंगे।

मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी रही​

वहीं अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी चौथी तिमाही अच्छी नहीं रही। गौरतलब है कि कृषि एवं विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के चलते वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर पिछले पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में धीमी पड़कर 5.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.1 प्रतिशत थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने साथ ही कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रही है। जीडीपी वृद्धि की यह दर 2014-15 के बाद सबसे धीमी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में जीडीपी वृद्धि की गति 6.4 फीसदी रही थी। चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर चीन की आर्थिक वृद्धि की गति 6.4 प्रतिशत से कम रही। वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा जीडीपी (GDP) का 3.39 प्रतिशत रहा जो बजट के संशोधित अनुमान 3.4 प्रतिशत से कम है। आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अप्रैल में कम होकर 2.6 प्रतिशत रही जो पिछले साल इसी महीने में 4.7 प्रतिशत रही थी।

 

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