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तिरुपति मंदिर ने सरकार के सामने रखी शर्त, सोने के बदले रिटर्न में मांगा सोना

तिरुपति मंदिर ने सरकार की गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में सोना जमा करने के बदले उस पर मिलने वाले ब्याज को नकदी के बजाये सोने के रूप में दिए जाने की मांग की है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: March 23, 2016 20:29 IST
Gold Monetisation Scheme: तिरुपति मंदिर की सरकार के सामने शर्त, रिटर्न में सोना देने की मांग- India TV Paisa
Gold Monetisation Scheme: तिरुपति मंदिर की सरकार के सामने शर्त, रिटर्न में सोना देने की मांग

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी  ने सरकार की गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में सोना जमा करने के बदले उस पर मिलने वाले ब्याज को नकदी के बजाये सोने के रूप में दिए जाने की मांग की है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सरकार की स्कीम में 3 साल से अधिक के लिए जमा किए गए सोने पर मिलने वाले ब्‍याज को सोने के रूप में ही वापस किया जाए। तिरुपति मंदिर ने सरकार से आग्रह किया है कि जमा सोने के बदले में नकदी के बजाये सोना ही दिया जाना चाहिए। तिरुपति तिरुमला देवस्थानम मंदिर के एग्जिक्यूटिव डायरेक्‍टर डी. संबासिव राव ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सरकार की गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम की सफलता के लिए तिरुपति मंदिर की भागीदारी को अहम माना जा रहा है। आंध्र प्रदेश स्थित इस मंदिर के पास 7 टन सोना जमा है, जिसकी मौजूदा कीमत 27.7 करोड़ डॉलर (करीब 1,851 करोड़ रुपए) है। हालांकि तिरुपति समेत भारत के तमाम मंदिर इस योजना में सोना जमा करने को लेकर धार्मिक और भावनात्मक वजहों से बहुत ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। संबासिव राव ने कहा कि हमने इस स्कीम में कुछ निश्चित बदलावों के लिए केंद्र सरकार को खत लिखा है और मीडियम टर्म तथा लॉन्ग टर्म के लिए सोना जमा करने के बदले में मिलने वाले ब्याज और मूलधन को नकदी के बजाये सोने के तौर पर ही देने की मांग की है।

राव ने कहा कि यदि यह बदलाव होते हैं तो देश के सभी मंदिरों का इस स्कीम के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। चीन के बाद भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है। बीते साल भारत ने अपने बजट घाटे के करीब चौथाई के बराबर का खर्च सोने के आयात पर किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सोने के आयात को कम करने के उद्देश्य से गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम की शुरुआत की थी। इसके तहत व्यक्तिगत और सांस्थानिक तौर पर सोने को जमा कराया जा सकता है। इसके बदले में सरकार ब्याज देगी। सरकार को इस योजना में अमीर मंदिरों की ओर से सहयोग मिलने की उम्मीद है।

देश में करीब 20 हजार टन सोने का भंडार मौजूद है। बीते चार महीनों में इस योजना के तहत लोगों ने 3 टन सोना जमा कराया है। सैकड़ों सालों में श्रद्धालुओं ने तिरुपति और सिद्धिविनायक जैसे मंदिरों में अरबों रुपए का सोना और सिक्के आदि दान किए हैं। तिरुपति मंदिर के एग्जिक्यूटिव डायरेक्‍टर राव ने कहा कि पिछले महीने ही मंदिर की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब एंड सिंध बैंक में 1.75 फीसदी के ब्याज पर 1.3 टन सोना जमा कराया गया है। गौरतलब है कि हाल में मुंबई के 200 साल पुराने सिद्धिविनायक मंदिर ने ऐलान किया था कि वह मोदी सरकार की गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में 44 किलो सोना जमा कराएगा।

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